नयी दिल्ली : जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार के भविष्य का फैसला बुधवार को होगा दिल्ली उच्च न्यायालय करेगा. न्यायालय देशद्रोह मामले में उसकी जमानत याचिका पर अपना निर्णय सुनाएगा. न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने जेएनयू कैंपस के भीतर नौ फरवरी को हुए कार्यक्रम में भारत विरोधी नारेबाजी के आरोपों का सामना कर रहे कन्हैया की जमानत याचिका पर तीन घंटे तक सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
सुनवाई के दौरान कन्हैया के वकील ने कहा कि छात्र नेता ने देश के खिलाफ कभी नारेबाजी नहीं की जबकि दिल्ली पुलिस ने कहा कि सबूत हैं कि उन्होंने और अन्य ने भारत विरोधी नारेबाजी की और वे अफजल गुरु के पोस्टर थामे हुए थे. पुलिस ने दावा किया था कि कन्हैया जांच में सहयोग नहीं कर रहे और खुफिया ब्यूरो (आईबी) और दिल्ली पुलिस की संयुक्त पूछताछ में ‘‘विरोधाभासी’ बयान आए.