पहले दिन से इशरत जहां मामले में आतंकी कनेक्शन की जानकारी थी : पूर्व संयुक्त सचिव
नयी दिल्ली : इशरत जहां मामले को लेकर जारी हंगामे के बीच एक यूपीए सरकार के समय के एक और पूर्व अधिकारी ने ताजा खुलासा किया है. गृह मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव ने समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में संयुक्त सचिव ने कहा, इशरत जहां मामले को लेकर उन्हें पहले दिन से ही आतंकी […]
नयी दिल्ली : इशरत जहां मामले को लेकर जारी हंगामे के बीच एक यूपीए सरकार के समय के एक और पूर्व अधिकारी ने ताजा खुलासा किया है. गृह मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव ने समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में संयुक्त सचिव ने कहा, इशरत जहां मामले को लेकर उन्हें पहले दिन से ही आतंकी कनेक्शन की जानकारी थी.
पूर्व संयुक्त सचिव ए के जैन कहा, यह पहले दिन से ही स्पष्ट थे कि संगठन का आतंकी संगठनों से कनेक्शन था. उन्होंने कहा, जब यह घटना हुई तो काफी हंगामा हुआ और इसलिए उन्हें रिपोर्ट मंगानी पड़ी.
2004 में जैन गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव थे और उन्हें इशरत जहां मामले पर तथ्य जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. जैन ने कहा, इन लोगों को आतंकी संगठनों के साथ संपर्क था और ये लोग महत्वपूर्ण लोगों की हत्या करने आये थे.
जैने से पहले पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई ने भी इशरत जहां मामले पर कई खुलासे किये. उनके बयान के बाद हंगामा जारी है. पिल्लई ने बडा़ खुलासा करते हुए कहा, पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने हलफनामा में बदलाव करवाया था. इस मामले में मुझसे कोई राय नहीं ली गयी थी मुझे नजरअंदाज कर दिया गया था. इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है.
एक टीवी न्यूज चैनल एनडीटीवी से बातचीत के दौरान पिल्लई ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा, चिदंबरम ने इंटेलिजेंस विभाग के एक छोटे कर्मचारी को बुलाया और हलफनामा को पूरी तरह बदलने के लिए कहा. इसमें क्या लिखा जाए यह भी उन्होंने ही बताया. इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं थी चिदंबरम का यह कहना कि इंटेलिजेंस ब्यूरो और गृहसचिव के जानकारी के बाद इसमें बदलाव किया गया है यह बिल्कुल गलत है.