जाट आंदोलन, जेएनयू विवाद देश को पीछे ले जाने की कोशिश का हिस्सा : सिसौदिया

नयी दिल्ली : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने आज कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन या जेएनयू विवाद जैसी घटनाएं देश को एक ‘सदी’ पीछे ले जाने की कोशिश का हिस्सा है. उन्होंने साथ ही हैरानी जतायी कि क्या भारत इस तरह की घटनाएं ‘बर्दाश्त’ कर सकता है. सिसौदिया ने उद्योग जगत से देश के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 2, 2016 9:00 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने आज कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन या जेएनयू विवाद जैसी घटनाएं देश को एक ‘सदी’ पीछे ले जाने की कोशिश का हिस्सा है. उन्होंने साथ ही हैरानी जतायी कि क्या भारत इस तरह की घटनाएं ‘बर्दाश्त’ कर सकता है.

सिसौदिया ने उद्योग जगत से देश के विकास एवं प्रगति के बारे में सोचते हुए इन मुद्दों पर ध्यान देने की अपील की और युवा मस्तिष्कों को इस तरह की ताकतों से प्रभावित होने से रोकने के लिए उनमें सपने जगाने की जरुरत को रेखांकित किया.

दिल्ली के शिक्षा विभाग का भी प्रभार संभाल रहे सिसौदिया यहां औद्योगिक निकाय सीआईआई द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘आरक्षण और जेएनयू के नाम पर हम देश में जो हालात पैदा कर रहे हैं, इन सब के माध्यम से देश को 100 साल पीछे ले जाने की कोशिशें हो रही हैं. उद्योग जगत को देश की प्रगति के बारे में बात करते समय हरियाणा हिंसा जैसी घटनाएं ध्यान में रखनी चाहिए.”

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘क्या देश, उद्योग जगत इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त कर सकता है? हमें इसे लेकर भी चिंतित होना पड़ेगा. इसका अकेला समाधान हमारी अगली पीढ़ी में सपने जगाना है ताकि विवेकहीन तत्व फायदा ना उठा पाएं.” उन्होंने अपने संबोधन में कौशल विकास पर ध्यान देने की जरुरत पर जोर दिया जिससे छात्रों का रोजगार सुनिश्चित होगा. सिसौदिया ने कहा कि आप सरकार आने वाले महीनों में 200 कौशल विकास केंद्र शुरू करेगी.

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