शिल्पी तिवारी ने बढ़ायी स्मृति ईरानी की मुश्किलें, सोशल मीडिया पर विरोध
नयी दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इन दिनों सोशल मीडिया पर लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रह है. कारण है मंत्री स्मृति ईरानी की सहयोगी के रूप में शिल्पी तिवारी की नियुक्ति. पिछले वर्ष शिल्पी को सलाहकार नियुक्त किया गया था. उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी में स्मृति ईरानी के […]
नयी दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इन दिनों सोशल मीडिया पर लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रह है. कारण है मंत्री स्मृति ईरानी की सहयोगी के रूप में शिल्पी तिवारी की नियुक्ति. पिछले वर्ष शिल्पी को सलाहकार नियुक्त किया गया था. उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी में स्मृति ईरानी के चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी.
आरोप यह है कि इस नियुक्ति के लिए नियमों में ढील दी गयी थी. जिस बैठक के बाद शिल्पी की नियुक्ति की गयी उसकी अध्यक्षता ईरानी ने खुद की थी और शिल्पी की नियुक्ति राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के तहत तीन महीने में 35,000 रुपये शुल्क पर की गयी थी.11 मार्च 2015 को शिल्पी की नियुक्ति से संबंधित नोट मंत्रालय की ओर से जारी किया गया.
सलाहकार के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन एमएससी, एमटेक की डिग्री आवश्यक होती है, जबकि शिल्पी के पास आर्किटेक्चर स्कूल की बैचलर डिग्री है. हालांकि मंत्रालय की ओर से बारे में कुछ नहीं कहा गया है कि आखिर शिल्पी की नियुक्ति के लिए नियमों में बदलाव क्यों किया गया. तिवारी की ओर से भी इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है.
गौरतलब है कि शिल्पी तिवारी पर यह आरोप लगा है कि उन्होंने जेएनयू मामले में कई फेक वीडियो अपने ट्विटर एकाउंट पर अपलोड किये.