नयीदिल्ली : केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया के पिछले दिनों आगरा में एक सभा के दौरान दिये गये भाषण में कथितरूप से द्वेषपूर्ण और भड़काउ बातें होने पर विपक्ष द्वाराकड़ी आपत्ति जताने और उन्हें गिरफ्तार कर मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग किये जाने के बीच केंद्र ने आज इन सारे आरोपों को नकार दिया. सरकार ने कहा कि कठेरिया के भाषण में किसी संप्रदाय के खिलाफ कोई आपत्तिजनक बात नहीं पायी गयी.
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्रियों और निर्वाचन प्रतिनिधियों द्वारा कथितरूप से भड़काउ भाषण दिये जाने के मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस अवसर पर कीगयी सीडी रिकॉर्डिग को न केवल उन्होंने बल्कि गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने देखा. इसमें पाया गया कि उन्होंने किसी भी संप्रदाय के खिलाफ कुछ नहीं कहा है और न ही किसी संप्रदाय के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है.
सिंह ने कहा, प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया के भाषण में किसी संप्रदाय विशेष के खिलाफ कोई आपत्तिजनक विषयवस्तु नोटिस नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि इस मामले में आगरा पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है. उन्होंने कहा कि मामले से संबंधित सभा में कठेरिया मंच पर मौजूद थे लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की है.
गृहमंत्री ने कहा कि आगरा में एक दलित नेता अरुण माहौर की हत्या के बाद 28 फरवरी को हुई उनकी शोकसभा में भाग लेने के लिए कठेरिया वहां गये थे. कठेरिया ने माहौर के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की थीं. उन्होंने शोकसभा में इस हत्या के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफकड़ी कार्रवाई किये जाने का अनुरोध और दिवंगत के परिवार को न्याय एवं पर्याप्त मुआवजा दिलाने की मांग की थी.
उन्होंने कहा कि इस बारे में मीडिया में आई खबरें तोड़ मरोड़ कर गलत ढंग से पेश की गयी प्रतीत होती हैं.
गृहमंत्री ने भारत को विभिन्न धर्मो के अनुयायियों वाला विविधता से भरा देश करार देते हुए कहा कि हमें ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिये जिससे कि उसकी इस विशिष्ट पहचान पर चोट लगे.
उन्होंने कहा कि सरकार मानती है कि मुसलमान सहित हमारे देश का हर नागरिक राष्ट्रवादी है तथा आतंकवाद को किसी रंग, मजहब, जाति से नहीं जोड़ना चाहिये.
इससे पूर्व सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने कई केंद्रीय मंत्रियों, सत्तारुढ़ दल के सांसदों और विधायकों द्वारा भड़काउ भाषण देकर देश के सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझ कर ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और मूकदर्शक बनी हुई है.
विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस देश की स्वतंत्रता के लिए कई नेताओं द्वारा अपने प्राणों का बलिदान देने की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि जहां एक ओर सरकार ‘मेक इन इंडिया’ तथा ‘सबका साथ सबका विकास’ की बात कर रही है वहीं सत्तारुढ दल के कुछ नेता, मंत्री और सांसद भड़काउ भाषण देकर देश का सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं.
इस संदर्भ में उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्री, संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, हरियाणा के मुख्यमंत्री तथा भाजपा सांसदों योगी आदित्यनाथ एवं साक्षी महाराज के विभिन्न बयानों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि कर्नाटक के भाजपा के सांसद अनंत कुमार हेंगडे ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस्लाम धर्म के बारे में विवादास्पद बयान दिया.
हालांकि नकवी ने उनकी इस बात का विरोध करते हुए कहा कि मीडिया में उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है.
आजाद ने सरकार से जानना चाहा कि जो लोग देश को बांटने का काम कर रहे हैं उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला क्यों नहीं चलाया जा रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार की दोहरी नीति है तथा सरकार देश को बांटने का काम कर रही है.
भाकपा के डी राजा ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिये कि ऐसे कौन लोग हैं जो समाज के दलितों, पिछड़ों, गरीबों और अल्पसंख्यकों को निशना बना रहे हैं. उन्होंने भाजपा नेतृत्व से वाल किया कि क्या वह अपने मंत्रियों एवं सांसदों को घृणापूर्ण भाषण देने की अनुमति दे सकती है.
उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रभक्ति की बात करती है लेकिन भारत माता धर्म और संप्रदाय के नाम पर किसी से भेदभाव नहीं करती.
सपा के जावेद अली खान ने कहा कि आगरा पुलिस ने मामले में नामजद पांचों लोगों को अगले दिन ही गिरफ्तार कर लिया था. साथ ही राज्य सरकार ने मदद के लिए पांच लाख रुपये मुआवजे की भी घोषणा की है.
जद यू के शरद यादव ने कहा कि संविधान की शपथ लेने वाले लोगों द्वारा स तरह के भड़काउ भाषण देना बहुत ही चिंताजनक है. उन्होंने इस मामले में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की.
बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा के कुछ केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों पर भड़काउ भाषण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे मंत्रियों को बर्खास्त कर देना चाहिये. उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सरकार ने इस मामले में सक्रियता नहीं दिखायी. उन्होंने कहा कि यदि उनकी पार्टी प्रदेश में सत्ता में होती तो कठेरिया के खिलाफ देशद्रोह का मामला चलाकर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया होता.
कांग्रेस के के रहमान खान ने कहा कि गृहमंत्री का बयान निराशाजनक है जिसमें सत्य को छुपाया गया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पिछले कुछ समय में देश में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की घटनाएं हो रही हैं उसके चलते वह एक नागरिक केरूप में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
कांग्रेस के हुसैन दलवई, प्रमोद तिवारी, प्रवीण राष्ट्रपाल एवं राज बब्बर, बीजद के भूपेन्द्र सिंह, माकपा के के एन बालगोपाल, भाजपा के अविनाश राय खन्ना, शिवसेना के संजय राउत, शिरोमणि अकाली दल के सुखदेव सिंह ढीढसा ने भी इस मुद्दे पर सरकार से विभिन्न स्पष्टीकरण पूछे.