नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार की ओर से कराई गई मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दिनों जेएनयू परिसर में आयोजित हुए एक विवादित कार्यक्रम में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की ओर से भारत-विरोधी नारेबाजी करने का कोई सबूत नहीं मिला है.
गौरतलब है कि भारत विरोधी नारेबाजी के आरोप में ही कन्हैया पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, विश्वविद्यालय परिसर में देश-विरोधी नारे लगाए गए थे और जेएनयू प्रशासन पहले ही ‘‘कुछ चेहरों” की पहचान कर चुका है जिन्हें ‘‘साफ तौर पर” नारेबाजी करते सुना गया था. जांच समिति ने कहा कि उनके ठिकानों का पता लगाकर उनकी भूमिका की जांच होनी चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि कन्हैया के खिलाफ ‘‘कोई प्रतिकूल चीज” नहीं पाई गई और न ही कोई ऐसा गवाह या वीडियो मिला जो जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष के खिलाफ लगाए गए आरोपों का समर्थन करता.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कल कन्हैया को छह महीने की अंतरिम जमानत दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, नौ फरवरी को हुए कार्यक्रम के सात वीडियो हैदराबाद की एक फॉरेंसिक लैब में भेजे गए और उनमें से तीन में छेड़छाड़ पायी गई थी. इन तीन में एक न्यूज चैनल की क्लिपिंग भी थी. नई दिल्ली जिले के जिलाधिकारी संजय कुमार की अध्यक्षता वाली जांच में कहा गया है कि उमर खालिद कई वीडियो में नजर आ रहा है और कश्मीर एवं गुरु के लिए उसके समर्थन से काफी लोग वाकिफ हैं. वह कार्यक्रम का आयोजक था और उसकी भूमिका की विस्तृत जांच करने की जरुरत है.