मुम्बई : अमेरिका के साथ उत्पन्न राजनयिक गतिरोध के केंद्र में रहने वाली देवयानी खोबरागड़े 25 आवंटियों में से एक हैं जिन्हें विवादास्पद आदर्श घोटाले की जांच करने वाले न्यायिक आयोग ने सोसाइटी में फ्लैट प्राप्त करने को अयोग्य करार दिया है.
महाराष्ट्र सरकार के नियम के अनुसार सरकारी कोटा के तहत फ्लैट के लिए आवेदन कने वाले किसी अधिकारी को हस्ताक्षर किया हुआ हलफनामा देना होता है कि उनके पास कोई अन्य फ्लैट नहीं है. देवयानी के पास मुम्बई के ओशिवारा इलाके में एक अपार्टमेंट है जो उन्हें एक सरकारी कोटे से मिला था.
देवयानी के पिता सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी उत्तम खोबरागड़े पर आरोप है कि उन्होंने 31 मंजिला आदर्श सोसाइटी का फ्लोर एरिया बढ़ाने में मदद की थी. उन्होंने इसके लिए पास के बेस्ट का प्लाट भी हस्तांतरित कर दिया था. उत्तम खोबरागड़े ने यद्यपि इस घोटाले में कुछ भी अनुचित करने से इनकार किया है.
उत्तम खोबरागड़े ने सवाल किया, हमने फ्लैट आरक्षित कोटे के तहत सही कीमत अदा करके खरीदा था. हम फ्लैट वापस क्यों करें. देवयानी के 31 दिसम्बर 2012 को समाप्त हुए पास आदर्श सोसाइटी में फ्लैट के अलावा 10 और अचल सम्पत्तियां हैं. यह जानकारी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
इन सम्पत्तियों में सात सम्पत्तियों की कुल कीमत 78 लाख रुपये से कुछ अधिक दिखाया गया है जबकि आदर्श सोसाइटी में फ्लैट की कीमत 90 लाख रुपये है. तीन सम्पत्तियों की कीमत का उल्लेख रिटर्न में नहीं किया गया है. रिटर्न के अनुसार देवयानी ने आदर्श सोसाइटी में फ्लैट की खरीद ओशिवारा स्थित मीरा कोआपरेटिप हाउसिंग सोसाइटी का अपना फ्लैट बेचकर की थी.
देवयानी ने बताया है कि एक जमीन सहित सात सम्पत्तियां उन्हें उनके पिता ने तोहफे के तौर पर दीं. उनकी 11 सम्पत्तियों से वार्षिक आय 1.26 लाख रुपये दिखायी गई है. इनमें से आठ सम्पत्तियां महाराष्ट्र में हैं, दो केरल के एर्नाकुलम जिले और एक उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर में है. महाराष्ट्र सरकार ने रिपोर्ट के निष्कर्ष को खारिज कर दिया है.