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छत्तीसगढ़ में नक्सल रोधी अभियान में सीआरपीएफ के 3 जवान शहीद, 15 घायल

रायपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा से सबसे बुरी तरह प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच कई मुठभेड़ के बाद सीआरपीएफ के तीन कमांडो की मौत हो गयी और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए. अधिकारियों ने कहा कि कांस्टेबल लिंजू एन और फतेह सिंह ने गोली लगने के बाद […]

रायपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा से सबसे बुरी तरह प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच कई मुठभेड़ के बाद सीआरपीएफ के तीन कमांडो की मौत हो गयी और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए.

अधिकारियों ने कहा कि कांस्टेबल लिंजू एन और फतेह सिंह ने गोली लगने के बाद कल दम तोड़ दिया जबकि उनके सहकर्मी लक्ष्मण सिंह की आज मौत हो गयी. कोबरा कमांडर पी एस यादव और राज्य पुलिस की जिला रिजर्व समूह (डीआरजी) के प्रमुख सहित कम से कम 15 अन्य मुठभेड में घायल हो गए. मुठभेड़ आज तड़के खत्म हुआ.

जिले के जंगलों में कल दोपहर गोलीबारी का सामना करने वाले गश्ती दल को आज तड़के सुकमा के दब्बानरका घटनास्थल से एमआई-17 हेलीकॉप्टर के जरिए किस्ताराम पुलिस थाने लाया गया. महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) एस आर पी कल्लुरी और सुकमा के पुलिस अधीक्षक डी श्रवण अभियानों की निगरानी के लिए किस्ताराम में रुके हुए हैं. यह जगह राज्य की राजधानी से करीब 500 किलोमीटर दूर है.

सहायक कमांडेंट योंगेंद्र, उप निरीक्षक राजवीर सिंह, हेड कांस्टेबल संतोष, कांस्टेबल सोना राम और डीआरजी के कुछ कर्मियों सहित अन्य गोली और छर्रे से जख्मी हुए हैं. सीआरपीएफ की विशिष्ट जंगल अभियान इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन) के कर्मियों और नक्सलियों के बीच बस्तर क्षेत्र के जंगलों में मुठभेड़ शुरू हुई थी.

कोबरा टीम ने कई हमलों का जवाब दिया और कल दोपहर साढे 12 बजे गोलीबारी शुरू हुई. इलाके को खाली कराने के दौरान भारी हथियारों से लैस नक्सलियों ने देर रात तक उनपर रुक रुककर गोलीबारी की. राज्य में नक्सल मामलों के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने कहा कि घायल जवानों को बाहर निकाने का अभियान जारी है. कहा जा रहा है कि माओवादियों के हमले की वजह से बाहर ले जाने में हुई देरी के कारण अत्यधिक खून बहने से तीन कमांडो की मौत हो गयी.

अधिकारियों ने कहा कि उनमें से एक फतेह सिंह दस्ते के उच्च प्रशिक्षित सदस्य थे जिन्होंने कई अभियानों में बल को सफलता दिलायी थी. सिंह को सबसे पहले गोली लगी थी और अन्य अभियान के बाद के हिस्से में घायल हुए. हमले से सीआरपीएफ की 208 वीं कोबरा बटालियन सबसे ज्यादा प्रभावित हुई जिसे वहां कुछ डीआरजी कर्मियों के साथ बस्तर क्षेत्र में नक्सल विरोधी विशेष अभियानों के लिए तैनात किया गया था. उन्होंने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, कोबरा और राज्य पुलिस के कर्मियों सहित सुरक्षा बल कर्मी इलाके की तलाशी कर रहे हैं.

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