नयी दिल्ली : यमुना एक्सप्रेस वे पर हुई सड़क दुर्घटना मामले में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी एक नये विवाद में फंस गयी हैं. शनिवारकी रात यमुना एक्सप्रेस वे पर हुई सड़क दुर्घटना में मृत डॉक्टर रमेश नागर कीबेटी संदिली ने कहा है कि दुर्घटना के बाद स्मृति ईरानी ने कोई मदद नहीं की. मथुरा की रहने वाली संदिलीअपने पिताडॉ नागर और परिवार के एक सदस्य के साथ शादी में जा रही थी. डॉ नागर के परिवार के द्वारा दर्ज करायी गयी एफआइआर में भी इस बात का उल्लेख है और कहा गया है कि अगर स्मृति ईरानी पहल करतीं तो डॉक्टर नागर की जान बच सकती थी.
क्या है संदिली का आरोप
संदिली ने कहा है कि उनके वाहन को मंत्री के काफिले ने धक्का मार दिया, जिसके बाद वे बाहर आयीं और मैंने उनसे मदद मांगी पर वे देख कर चली गयीं. वहीं, संदिली के भाई अभिषेक ने कहा है कि मेरी बहन ने हाथ जोड़ कर स्मृति ईरानी से मदद मांगी थी, पर वह नहीं रुकी और चली गयीं.अभिषेक ने कहा है कि दिल्ली के एक परिवार मदद की, एंबुलेंस बुलाया अौर मेरे पापा को अस्पताल भेजा.
Agra: Smriti Irani's convoy rammed into our car,she came out,I begged her for help but she left-Daughter of victim pic.twitter.com/d04zWUvuIO
— ANI (@ANI) March 7, 2016
बचाव में आया एचआरडी मंत्रालय
इन आरोपों के बाद स्मृति ईरानी का मंत्रालय बचाव में आगे आया है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि मंत्री महोदया ने खुद एसएसपी को फोन कर एंबुलेंस बुलवायी. बयान में यह भी कहा गया है कि डॉक्टर के वाहन को जिस गाड़ी से टक्कर लगी थी, वह मंत्री के काफिले में शामिल नहीं थी.
उल्लेखनीय है कि पांच मार्च को स्मृति ईरानी मथुरा के वृंदावन में भारतीय जनता युवा मोर्चा के एक अधिवेशन में शामिल होकर एक्सप्रेस वे दिल्ली लौट रही थी. उसी दौरान एक्सप्रेस वे पर कई गाड़ियां एक दूसरे से टकरा गयी थीं. उस वक्त स्मृति का काफिला भी मौजूद था. बाद में उन्होंने स्वयं ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वे सुरक्षित हैं और कई वाहन एक दूसरे से टकड़ा गये थे.उन्होंने यह भी कहा था कि उन्होंने घायलों को अस्पताल भेजवादिया है.