अब बजट के जरिये चुनावी हितों को साधने की कोशिश में जुटी भाजपा

नयी दिल्ली : इस बार के बजट में न सिर्फ देश के किसानों की चिंता की गयी बल्कि भारतीय जनता पार्टी ने एक तीर से दो शिकार करने वाली कहावत को चरितार्थ करने की कोशिश की है. एक तरफ बजट के माध्यम से सरकार ने उद्योगपतियों की सरकार का तमगा जो उन्हें विरोधियों ने दिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2016 4:12 PM

नयी दिल्ली : इस बार के बजट में न सिर्फ देश के किसानों की चिंता की गयी बल्कि भारतीय जनता पार्टी ने एक तीर से दो शिकार करने वाली कहावत को चरितार्थ करने की कोशिश की है. एक तरफ बजट के माध्यम से सरकार ने उद्योगपतियों की सरकार का तमगा जो उन्हें विरोधियों ने दिया उसे दरकिनार कर दिया और आने वाले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने किसान और गरीब के हितों में योजनाएं बना कर उन्हें अपनी तरफ खींचने की कोशिश की है.

आने वाले समय में विभिन्न राज्यों खास तौर पर उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा एवं सरकार ‘किसानों एवं खेती’ से जुड़े विषयों को प्राथमिकता के साथ उठाकर और किसान जागरण कार्यक्रम के जरिये प्रधानमंत्री नयी फसल बीमा योजना, मुद्रा योजना, सिंचाई योजना तथा कृषि एवं स्वरोजगार पहल के जरिये चुनाव की तैयारी में जुट गयी है. भाजपा का कहना है कि पहली बार किसी सरकार ने ऐसा बजट पेश किया है जो गांव, गरीब, किसान,पिछड़ेएवं कमजोर वर्गो को समर्पित है.

भाजपा ने इस क्रम में 28 फरवरी को बरेली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की किसान स्वाभिमान रैली का आयोजन किया और आने वाले दिनों में सरकार कृषि मेले का भी आयोजन कर रही है. पार्टी इस क्रम में देश के विभिन्न प्रदेशों में किसान जागरण कार्यक्रम का भी आयोजन कर रही है.
कृषि और स्वरोजगार के दो मुद्दों के जरिये भाजपा बड़े मतदाता वर्ग को अपने साथ जोडने की पहल कर रही है. कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री ने भोपाल में किसान रैली को संबोधित किया था और वहां भी फासल बीमा योजना की तरफ लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया था. भाजपा किसान मोर्चा के संयोजक विजय पाल सिंह तोमर ने कहा कि पहली बार किसी सरकार ने गांव, गरीब, किसान, पिछडे एवं कमजोर वर्गो की चिंता की जो आजादी के बाद से उपेक्षित महसूस कर रहे थे और बजट में गांव-देहात के लिए प्रावधान किया.
उन्होंने आरोप लगाया कि अगर कांग्रेस के करीब 60 वर्षो के शासनकाल में गांव, गरीब, किसान की चिंता की गयी होती, तो गांव इतना पीछे नहीं रहते और गांवों से इतने बड़े पैमाने पर पलायन नहीं होता. तोमर ने कहा कि पहली बार नरेन्द्र मोदी सरकार ने गांव, गरीब और किसान की चिंता की. बजट में कृषि पर आवंटन को दो गुना किया गया, सिंचाई पर आवंटन दो गुना से ज्यादा किया गया, ग्रामीण विकास का बजट 88 हजार करोड रुपये का किया गया और कृषि के जरिये स्वरोजगार को बढावा देने की पहल की गयी.
भाजपा ने प्रधानमंत्री के सुझाव पर सरकार द्वारा चलाये जा रहे किसानों के हितों एवं कल्याण से जुड़े कार्यक्रमों की जानकारी पहुंचाने की पहल की है.
इस दिशा में ‘किसान जागरण’ कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. किसानों को प्रधानमंत्री नयी फसल बीमा योजना, मुद्रा योजना, सिंचाई योजनाओं के बारे में बताया जा रहा है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को किसानों से जुडी योजनाओं खास तौर पर फसल बीमा, कृषि सिंचाई, किसान सुरक्षा आदि के बारे में प्रश्न उत्तर के रूप में जानकारी किसानों तक पहुंचाने का सुझाव दिया है.
इस बारे में भाजपा सांसदों को भी सामग्री उपलब्ध करायी गयी है. तोमर ने कहा कि मनरेगा योजना अब तक कुव्यवस्था एवं भ्रष्टाचार से त्रस्त थी और उसे व्यवस्थागत रूप से मजबूत बनाया गया है. मनरेगा के तहत पांच लाख तालाब खोदने और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने से जोडने की पहल कीगयीहै. एफसीआई द्वारा आनाज खरीद व्यवस्था को आनलाइन बनाया गया है और देश की 585 मंडियों को जोडते हुए ई मार्केट व्यवस्था तैयार की जा रही है ताकि किसानों को बिचौलियों से मुक्ति दिलायी जा सके.

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