श्री श्री रविशंकर के कार्यक्रम में नहीं जायेंगे राष्‍ट्रपति, NGT में सुनवाई आज

नयी दिल्ली : दिल्ली में यमुना नदी के किनारे होने वाले श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम पर आज नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) में सुनवाई होगी. आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल को लेकर आज नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल अहम सुनवाई करेगा. तीन दिन चलने वाले इस कार्यक्रम को एनजीटी में चुनौती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2016 9:31 AM

नयी दिल्ली : दिल्ली में यमुना नदी के किनारे होने वाले श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम पर आज नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) में सुनवाई होगी. आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल को लेकर आज नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल अहम सुनवाई करेगा. तीन दिन चलने वाले इस कार्यक्रम को एनजीटी में चुनौती दी गयी है. वहीं मुख्‍य अतिथि के तौर पर इस कार्यक्रम में उपस्थित रहने से राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इनकार कर दिया है.

राष्ट्रपति भवन के सूत्रों से पता चला है कि इस कार्यक्रम के उद्घाटन पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ पहुंचने वाले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि वह सम्मेलन में उपस्थित नहीं हो पाएंगे. दूसरी ओर आपत्ति पर सफाई देते हुए आध्यात्मिक गुरू रविशंकर ने कहा कि उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए यमुना को इसलिए चुना ताकि वह नदी की सफाई को लेकर लोगों को जागरुक कर सकें. रविशंकर ने कहा कि उनकी संस्था से जुड़े कई स्वयंसेवियों ने पहले भी यमुना से कचरा साफ करने का काम किया है.

उन्होंने कहा कि वह पूरे देश में किसी भी खूबसूरत जगह को चुन सकते थे लेकिन उन्होंने लोगों को जागरुक करने के लिए ही इस जगह को चुना है. गौरतलब है कि कार्यक्रम की अनुमति डीडीए, दिल्ली सरकार और स उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व में ही दे दी है. आज सुनवाई के दौरान डीडीए, दिल्ली सरकार और यूपी सरकार को भी अपना पक्ष रखना होगा. 3 मार्च की सुनवाई में डीडीए ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि था कि उन्होंने कार्यक्रम के लिए सशर्त अनुमति दी है.

श्री श्री ने कहा कि अगर उन्हें पर्यावरणविदों की इस चिंता के बारे में पहले ही पता चल जाता तो वह शुरू में ही जगह बदल देते. आयोजकों का कहना है कि इस तीन-दिवसीय कल्चर फेस्टिवल में करीब 35 लाख से ज्यादा लोगों के आने की संभावना है, वहीं आलोचकों ने चिंता जताई है कि इस सम्मेलन से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचने वाला है.

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