पश्चिम बंगाल चुनावों में कांग्रेस से कोई समझौता नहीं है : भाकपा
हैदराबाद : भाकपा ने आज कहा कि पश्चिम बंगाल में वह वाम मोर्चा का हिस्सा है और राज्य विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस से उसका कोई समझौता नहीं है. भाकपा के महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जहां तक हमारी बात है तो हम वाम मोर्चा :पश्चिम बंगाल में: का हिस्सा हैं […]
हैदराबाद : भाकपा ने आज कहा कि पश्चिम बंगाल में वह वाम मोर्चा का हिस्सा है और राज्य विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस से उसका कोई समझौता नहीं है. भाकपा के महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जहां तक हमारी बात है तो हम वाम मोर्चा :पश्चिम बंगाल में: का हिस्सा हैं और कांग्रेस से हमारा कोई समझौता नहीं है.
हमारे बीच कोई चर्चा नहीं हुई है. हमारी जानकारी के मुताबिक वाम मोर्चा और कांग्रेस के बीच कोई चर्चा नहीं हुई है.” वह वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस की कल की घोषणा पर सवालों का जवाब दे रहे थे. बोस ने कल कहा था कि पश्चिम बंगाल में अगले महीने शुरु हो रहे चुनावों में सत्तारुढ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ संयुक्त रुप से लडने के लिए कांग्रेस के साथ उनकी ‘‘सहमति” बन गई है.
बोस ने 294 सीटों में से 116 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करते हुए कहा था कि राज्य से तृणमूल को हटाने के लिए हमने कांग्रेस के साथ समझौते का स्वागत किया है. मोर्चा, गठबंधन और समझौता एक चीज नहीं है. रेड्डी ने कहा, ‘‘इस तरह की खबरें (वाम मोर्चा और कांग्रेस के बीच आपसी सहमति) पहले भी आई हैं.”
यह पूछने पर कि अगर माकपा ने कांग्रेस के साथ समझौता कर लिया तो भाकपा को यह मंजूर होगा, रेड्डी ने कहा, ‘‘हम (भाकपा) वाम मोर्चा के तौर पर लड रहे हैं. नैसर्गिक रुप से कांग्रेस से हमारा किसी भी सीट पर गठबंधन नहीं है. किसी भी सीट पर हम कांग्रेस का समर्थन नहीं करते। हम उम्मीद नहीं करते कि कांग्रेस हमारा समर्थन करेगी.
” उन्होंने कहा कि भाकपा ने पश्चिम बंगाल में 16 सीटों पर चुनाव लडने का निर्णय किया है. रेड्डी ने कहा कि भाकपा ने केरल में 29 या 30 सीटों पर चुनाव लडने का निर्णय किया है. केरल में एलडीएफ दलों के बीच अंतिम समझौते की घोषणा कुछ दिनों में होगी. रेड्डी ने कहा कि तमिलनाडु में भाकपा, माकपा, एमडीएमके और वीसीके गठबंधन को उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है. उन्होंने कहा कि गठबंधन में और दल शामिल होंगे.
तमिलनाडु में भाकपा 65 सीटों पर चुनाव लडना चाहती है लेकिन वह इस संख्या पर समझौता करने को भी तैयार है. असम विधानसभा चुनाव के लिए एसयूसीआई को छोडकर सभी वामपंथी दलों ने एकजुट होकर लडने का निर्णय किया है जहां भाकपा 18 विधानसभा क्षेत्रों में उतरेगी.