राज्यसभा में मुद्दा उठने के बाद श्री श्री रविशंकर ने कहा- राजनीति न हो
नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम की गूंज सुनाई दी. जदयू सांसद शरद यादव ने राज्यसभा में इस कार्यक्रम का मुद्दा उठाया. सीपीएम सांसद सीताराम येचुरी ने कहा कि सेना ने निजी संस्था के लिए काम किया है. वहीं आर्ट ऑफ लिविंग के इस कार्यक्रम पर सरकार […]
नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम की गूंज सुनाई दी. जदयू सांसद शरद यादव ने राज्यसभा में इस कार्यक्रम का मुद्दा उठाया. सीपीएम सांसद सीताराम येचुरी ने कहा कि सेना ने निजी संस्था के लिए काम किया है. वहीं आर्ट ऑफ लिविंग के इस कार्यक्रम पर सरकार की ओर से सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने इस कार्यक्रम का पक्ष लिया.नकवी ने कहा कि एनजीटी में इस कार्यक्रम के संबंध में सुनवाई जारी है. कार्यक्रम को लेकर सभी नियमों और कानूनों का पालन किया गया है. श्री श्री रवि शंकर पर्यावरण की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं. उनके विरोध में आवाज उठाकर प्रकृति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर शक करना होगा जो गलत है.
आर्ट ऑफ लिविंग के इस कार्यक्रम पर कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने सेना की मदद का मुद्दा उठाया और कार्यक्रम में पीपा पुल बनाने पर सवाल किया. भाजपा सांसद और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह मामला ट्रिब्यूनल में लंबित है. साधारणतया इस मामले को राज्यसभा में उठाना गलत है.
I appeal to all parties to not politicize the #WCF2016. It is to unite all cultures, nations, religions & ideologies. Let's come together!
— Gurudev Sri Sri Ravi Shankar (@SriSri) March 9, 2016
कार्यक्रम पर कोई राजनीति ना हो
राज्यसभा में घामासान के बाद श्री श्री रविशंकर ने ट्वीट करके अपनी प्रतिक्रिया दी. श्री श्री ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि इस कार्यक्रम पर कोई राजनीति ना हो, कार्यक्रम का मकसद सभी देशों को एक साथ जोड़ने का है.मैं सभी पार्टियों से अनुरोध करता हूं कि इस कार्यक्रम को राजनीतिक रुप न दें. सभी संस्कृतियों, जातियों, धर्मों और विचारधाराओं को एकजुट करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. सभी को एकजुट होने की जरुरत है.
मामला ट्रिब्यूनल में लंबित
गौरतलब है कि एनजीटी ने केंद्र सरकार से प्रश्न किया है कि यमुना किनारे किसी भी अस्थायी ढांचे को बनाने के लिए इन्वायरन्मेंटल क्लियरेंस की ज़रूरत क्यों नहीं है? तीन दिन चलने वाले इस कार्यक्रम को एनजीटी में चुनौती दी गयी है जिसपर आज फैसला आना है.वहीं खबर है कि मुख्य अतिथि के तौर पर इस कार्यक्रम में उपस्थित रहने से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इनकार कर दिया है.
क्यों हो रहा है हंगामा
इस कार्यक्रम के लिए सेना ने 24 घंटे में पीपा पुल का निर्माण किया है. सूत्रों के अनुसार पहले सेना ने इस पुल के निर्माण से मना कर दिया था. सेना की ओर से कहा गया था कि यह एक सिविल कार्यक्रम है. बताया जा रहा है कि रक्षामंत्री मनोहर पार्रिकर के निर्देश पर यह पुल बनाया गया है. इस पूरे मामले में मनोहर पर्रिकर ने बयान देकर कहा कि कार्यक्रम में उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए सेना की मदद ली जा रही है.