रविशंकर ने कहा- जुर्माना नहीं देंगे, फैसले के खिलाफ करेंगे अपील, सत्यमेव जयते..

नयी दिल्ली : दिल्ली में यमुना किनारे आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के तीन-दिवसीय विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम कोराष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी)ने सशर्त मंजूरी दे दी है जिसके खिलाफ श्री श्री अपील करेंगे. बुधवार को एनजीटी ने विवादों के बावजूद यमुना नदी के बाढ क्षेत्र में श्री श्री रविशंकर के आर्ट आफ लिविंग के शुक्रवार से आयोजित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2016 10:00 AM

नयी दिल्ली : दिल्ली में यमुना किनारे आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के तीन-दिवसीय विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम कोराष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी)ने सशर्त मंजूरी दे दी है जिसके खिलाफ श्री श्री अपील करेंगे. बुधवार को एनजीटी ने विवादों के बावजूद यमुना नदी के बाढ क्षेत्र में श्री श्री रविशंकर के आर्ट आफ लिविंग के शुक्रवार से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम को हरी झंडी दे दी और आयोजन पर रोक लगाने में यह कहते हुए असमर्थता जताई कि इस स्तर पर इसे रोका नहीं जा सकता. पूरी योजना नहीं बताने पर फांउडेशन को आडे हाथ लेते हुए अधिकरण ने एओएल पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तौर पर पांच करोड रुपये का जुर्माना भी लगाया. अधिकरण ने इसमें डीडीए और पर्यावरण मंत्रालय की भूमिका पर भी सवाल खडे किये.


श्री श्री का ट्वीट

इस फैसले के आने के बाद श्री श्री ने ट्विअर वॉल पर लिखा कि दिल से हमने दिल्ली वालों से कहा, यमुना के किनारे थोड़ी सी ज़मीन दो. झाड़ू लगाएंगे, जादू दिखाएंगे, दुनिया को बुलाएंगे, जन्नत उतारेंगे. कुछ लोगों ने कहा ये ज़ुल्म हैं, आप को जुर्माना करेंगे. हम ने हंस के कहा, हम जुनून हैं उसके, जिसके आप हो! हम इस निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं. हम अपील करेंगे. सत्यमेव जयते

करेंगें अपील
फैसले के बाद बुधवार रात को आर्ट ऑफ लिविंग ने घोषणा की कि वह एनजीटी के उस आदेश के खिलाफ अपील करेगा जिसमें उसपर 5 करोड रुपये का जुर्माना लगाया गया है. एनजीटी के आदेश को चुनौती सामान्य तौर पर उच्चतम न्यायालय में दी जाती है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी कहा कि पारिस्थितिकी के लिहाज से यह कार्यक्रम ‘तबाही’ लगता है. आयोजकों की ओर से कई पर्यावरण संबंधी उल्लंघन करने की बात देखने वाले हरित अधिकरण ने अपने समक्ष मुद्दे को उठाने में देरी के लिए पर्यावरण कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया जिसकी वजह से उसे आयोजन की अनुमति देने के लिए बाध्य होना पडा है. कार्यकर्ताओं ने आयोजन के चलते पर्यावरण संबंधी गंभीर उल्लंघनों की आशंका व्यक्त की थी जिसमें करीब 35 लाख लोगों के भाग लेने की संभावना है.

नहीं भाग लेंगे राष्‍ट्रपति

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पहले ही महोत्सव के समापन समारोह में नहीं आने का फैसला कर चुके हैं. पहले उनका रविवार को समारोह को संबोधित करने का कार्यक्रम निर्धारित था. अभी इस बात को लेकर अटकलें जारी हैं कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे या नहीं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने अभी फैसला नहीं किया है. आयोजन की अनुमति देने और इलाके में पंटनू पुल (पीपे के पुल) बनाने के लिए सेना को लगाने की वजह से सरकार को राज्यसभा में विपक्ष के हमलों का सामना करना पडा.

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