उधमपुर हमले का वांछित अबु ओकाशा मुठभेड में ढेर
श्रीनगर : पिछले साल हुए उधमपुर हमले में संलिप्तता के चलते वांछित एक पाकिस्तानी ईनामी आतंकी पुलवामा जिले में हुई मुठभेड में मारा गया है जबकि लश्कर-ए-तैयबा का एक शीर्ष कमांडर और चार अन्य उग्रवादी स्थानीय लोगों की कथित मदद के चलते बच निकलने में कामयाब हो गए. एनआईए ने ओकाशा को गिरफ्तार करवाने में […]
श्रीनगर : पिछले साल हुए उधमपुर हमले में संलिप्तता के चलते वांछित एक पाकिस्तानी ईनामी आतंकी पुलवामा जिले में हुई मुठभेड में मारा गया है जबकि लश्कर-ए-तैयबा का एक शीर्ष कमांडर और चार अन्य उग्रवादी स्थानीय लोगों की कथित मदद के चलते बच निकलने में कामयाब हो गए. एनआईए ने ओकाशा को गिरफ्तार करवाने में मददगार साबित होने वाली जानकारी देने वाले के लिए पांच लाख रुपये का ईनाम घोषित किया था. एनआईए ने उधमपुर आतंकी हमले में उसकी संलिप्तता के सिलसिले में विभिन्न आतंकी ठिकानों पर छापा मारकर उसकी तस्वीर जुटाई थी. उधमपुर आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद नवेद याकूब को गिरफ्तार किया था.
सूत्रों ने कहा कि लश्कर का कश्मीर प्रमुख अबु दुजाना बच निकलने वालों में शामिल है. ये लोग मुठभेड स्थल से बच निकलने में इसलिए कामयाब रहे क्योंकि स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बलों पर कथित तौर पर पथराव करके उनका ध्यान भटका दिया था. एक अधिकारी ने कहा कि मुठभेड उस समय हुई जब सुरक्षाबल अवंतीपुरा के पुछल इलाके में तलाशी अभियान चला रहे थे. पास के गोरीपुरा गांव से गोलियां चलने की आवाजें आ रही थीं. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त बल तुरंत गोरीपुरा के लिए रवाना हो गए और आतंकियों को बच निकलने से रोकने के लिए गांव की चारों ओर से घेरेबंदी कर दी गई.
अधिकारी ने कहा कि आतंकियों ने सुरक्षाकर्मियों पर गोलियां चलाईं, जिसके जवाब में सुरक्षाबल के जवानों ने भी गोलियां चलाईं. अधिकारी ने कहा कि इस गोलीबारी में दो आतंकी मारे गए लेकिन उनके पांच सहयोगी बच निकले. मारे गये आतंकियों के शव बरामद कर लिए गए हैं. अधिकारी ने कहा कि जिस समय सुरक्षा बल आतंकियों से लड रहे थे, उस समय स्थानीय निवासियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव करना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि इस घटना ने सुरक्षा बलों का ध्यान बांट दिया और आतंकी सुरक्षा घेरे से बच निकलने में कामयाब हो गये. पिछले साल अक्तूबर में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम इलाके में अबु कासिम के मारे जाने के बाद दुजाना ने लश्कर के संचालन की कमान संभाल ली थी.