इसरो ने दिशा सूचक उपग्रह IRNSS -1F का सफल प्रक्षेपण किया

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) : इसरो के छठे दिशा सूचक उपग्रह आईआरएनएसएस…1 एफ का आज यहां से पीएसएलवी सी 32 के जरिए सफल प्रक्षेपण किया गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का पीएसएलवी सी 32 (रॉकेट) चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शाम चार बजकर एक मिनट पर रवाना हुआ और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2016 4:29 PM

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) : इसरो के छठे दिशा सूचक उपग्रह आईआरएनएसएस…1 एफ का आज यहां से पीएसएलवी सी 32 के जरिए सफल प्रक्षेपण किया गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का पीएसएलवी सी 32 (रॉकेट) चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शाम चार बजकर एक मिनट पर रवाना हुआ और बाद में इसने आईआरएनएसएस…1 एफ को उप भूतुल्यकालिक हस्तांतरण कक्षा (सब जीटीओ) में स्थापित कर दिया. भारतीय क्षेत्रीय दिशासूचक उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) के तहत प्रस्तावित सात उपग्रहों के प्रक्षेपण की श्रृंखला में यह छठा उपग्रह है.

आईआरएनएसएस अमेरिका के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम :जीपीएस: की तर्ज पर दिशा सूचक सेवाएं मुहैया करायेगा. इस श्रृंखला में प्रथम उपग्रह का प्रक्षेपण जुलाई 2013 में किया गया था. इसरो के अध्यक्ष एएस किरन कुमार ने मिशन कंट्रोल सेंटर में कहा कि पीएसएलवी सी 32 ने उपग्रह को सही कक्षा में स्थापित कर दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दिशा सूचक प्रणाली को पूरा करने में अब सिर्फ एक उपग्रह बचा है, जिसे हम अगले महीने प्रक्षेपित करने की उम्मीद कर रहे हैं.

आज के प्रक्षेपण के लिए आईआरएनएसएस उपग्रहों के पिछले प्रक्षेपणों के समान ‘एक्स एल’ प्रारुप का इस्तेमाल किया गया. दिशासूचक संकेत देने के अलावा आईआरएनएसएस 1 एफ में एक अत्यधिक सटीक ‘रुबीडियम परमाणु घडी’ भी लगी हुई है. इस उपग्रह का जीवन काल 12 साल है. इसरो अधिकारियों ने बताया कि चार उपग्रहों के साथ आईआरएनएसएस प्रणाली ने काम करना शुरु कर दिया है लेकिन कुल सात उपग्रह इसे कहीं अधिक सटीक और कार्यकुशल बनाएंगे.

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