मरने के बाद चार मरीजों को नयी जिंदगी दे गया कॉल सेंटर कर्मचारी
इंदौर : सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल होने के बाद यहां दिमागी रुप से मृत घोषित 34 वर्षीय कॉल सेंटर कर्मचारी चार मरीजों को आज नई जिंदगी दे गया. युवक की मृत्यु उपरांत अंगदान से मिले महत्वपूर्ण अंगों का गंभीर रुप से बीमार चार मरीजों के शरीर में सफल प्रत्यारोपण किया गया. अंगदान को […]
इंदौर : सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल होने के बाद यहां दिमागी रुप से मृत घोषित 34 वर्षीय कॉल सेंटर कर्मचारी चार मरीजों को आज नई जिंदगी दे गया. युवक की मृत्यु उपरांत अंगदान से मिले महत्वपूर्ण अंगों का गंभीर रुप से बीमार चार मरीजों के शरीर में सफल प्रत्यारोपण किया गया. अंगदान को बढावा देने वाली सामाजिक संस्था ‘मुस्कान ग्रुप’ के कार्यकर्ता संदीपन आर्य ने बताया, ‘शहर के एक कॉल सेंटर में काम करने वाले गौरव जैन (34) छह मार्च को सडक हादसे में बुरी तरह घायल हो गये थे और एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.
अस्पताल के डॉक्टरों ने उनकी हालत पर सतत निगरानी के बाद उन्हें कल नौ मार्च को दिमागी रुप से मृत घोषित कर दिया.’ उन्होंने बताया कि जैन के परिजन से चर्चा कर उन्हें इस बात के लिये राजी किया कि वे जरुरतमंद मरीजों को नया जीवन देने के लिये इस युवक के महत्वपूर्ण अंग दान कर दें.
युवक के परिजन ने उसका दिल, लीवर, दोनों किडनी, दोनों आंखें और त्वचा दान करने का फैसला किया. आर्य ने बताया कि जैन के दिल और लीवर को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हवाई अड्डे पहुंचाया गया. हवाई रास्ते से दिल्ली भेजे गये ये अंग राष्ट्रीय राजधानी के अलग..अलग सरकारी अस्पतालों में गंभीर हालत में भर्ती मरीजों के शरीर में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किये गये. उन्होंने बताया कि जैन की दोनों किडनी इंदौर के दो निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के शरीर में लगायी गयीं.
आर्य ने बताया कि जैन के मृत्यु उपरांत अंगदान से मिली आंखों और त्चचा को दो अलग..अलग संस्थाओं ने प्रत्यारोपण के लिये हासिल कर सुरक्षित रख लिया है. इंदौर में दिमागी रुप से मृत मरीजों के अंगदान से मिले अंगों को प्रत्यारोपण के लिये जरुरतमंद मरीजों तक पहुंचाने के लिये लगातार ग्रीन कॉरिडोर बनाये जा रहे हैं. पुलिस और प्रशासन की मदद से शहर में पिछले छह महीनों के दौरान आठ बार ऐसे कॉरिडोर बनाये जा चुके हैं.