जेटली ने बोफोर्स मुद्दे को उठाकर राहुल पर किया पलटवार
नयी दिल्ली : बैंकों का 9000 करोड रुपये से अधिक का कर्ज होने के बावजूद शराब कारोबारी विजय माल्या के देश से चले जाने को लेकर सरकार पर राहुल गांधी के हमले के बाद उन पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज उन्हें बोफोर्स मामले के आरोपी ओत्तावियो क्वात्रोच्चि के देश से […]
नयी दिल्ली : बैंकों का 9000 करोड रुपये से अधिक का कर्ज होने के बावजूद शराब कारोबारी विजय माल्या के देश से चले जाने को लेकर सरकार पर राहुल गांधी के हमले के बाद उन पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज उन्हें बोफोर्स मामले के आरोपी ओत्तावियो क्वात्रोच्चि के देश से भाग जाने की याद दिलाई. जेटली ने कहा कि माल्या को ऋण संप्रग सरकार के दौरान दिया गया था. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को शायद उनका जवाब समझ नहीं आएगा. उन्होंने माल्या के राज्यसभा सदस्य बने रहने पर विपक्षी दल के सवाल खडा करने के बाद राहुल को सलाह दी कि वह एक बार संविधान का अध्ययन करें.
माल्या को देश छोडने से रोका क्यों नहीं गया, कांग्रेस उपाध्यक्ष के इस सवाल पर जेटली ने कहा, ‘‘किसी को भी रोकने की एक कानूनी प्रक्रिया है. या तो आपका पासपोर्ट जब्त कर लिया जाए या अदालत का कोई आदेश हो. इसके अलावा आव्रजन विभाग आपको नहीं रोक सकता.” जेटली ने कहा, ‘‘बैंक आदेश लेने के लिए उच्चतम न्यायालय गइ’ और शायद पूर्व आशंका के चलते माल्या देश से चले गये.” राजीव गांधी के शासनकाल में सामने आये बोफोर्स मामले को उठाते हुए जेटली ने कांग्रेस उपाध्यक्ष पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन राहुलजी को याद रखना चाहिए कि माल्या के देश छोडने और क्वात्रोच्चि के भारत से चले जाने में फर्क है. मैं उन्हें अंतर बता दूं.” वित्त मंत्री ने कैबिनेट ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जब स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने सूचित किया कि बोफोर्स के लाभार्थियों में क्वात्रोच्चि का नाम है और उस समय सीबीआई जांच की अगुवाई कर रहे के माधवन ने पत्र लिखकर कहा था कि उसका पासपोर्ट जब्त किया जाना चाहिए, लेकिन तत्कालीन सरकार ने उसे रोका नहीं और वह दो दिन के अंदर भारत छोडकर चला गया. वह आपराधिक मामला था.” दोनों घटनाओं में अंतर बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जब माल्या गये, तब तक बैंकों ने कानूनी प्रक्रिया शुरु नहीं की थी.
हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘बेहतर होता अगर बैंक पहले इसे शुरु कर देते.” जब जेटली से पूछा गया कि राहुल गांधी ने उन पर सवालों के जवाब नहीं देने का आरोप लगाया है तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने संसद में तारीख बताइ’ कि ये सभी कर्ज 2004 और 2007 में मंजूर किये गये. 2009 में वे एनपीए बन गये और एनपीए होने के बाद भी 2010 में उन्हें नया रुप दे दिया गया.” उन्होंने कहा, ‘‘अगर श्री राहुल गांधी इन तारीखों को नहीं समझ सके और मैं उनके माध्यम से क्या कहना चाहता हूं, नहीं समझ सके तो कृपया आप उन्हें यह समझाने में मदद कीजिए.”
माल्या के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किये जाने के बाद भी उनके राज्यसभा का सदस्य बने रहने के कांग्रेस के सवाल के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा, ‘‘सदस्यता निलंबित करने की एक संवैधानिक प्रक्रिया है. वह :राहुल: एक बार संविधान का अध्ययन कर लें. सदस्यता संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से समाप्त नहीं की जा सकती.” राहुल ने पहले कहा था, ‘‘हमने श्रीमान जेटली से पूछा कि हमें बताएं कि माल्या भारत से कैसे भाग गये. अगर उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी और उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया तो वह राज्यसभा में क्या कर रहे हैं.” जेटली ने इस प्रश्न को भी खारिज कर दिया कि माल्या का पासपोर्ट जब्त क्यों नहीं किया गया.
उन्हेांने कहा, ‘‘एक प्रक्रिया होती है. एक कानून है पासपोर्ट अधिनियम, जिसके तहत पासपोर्ट प्राधिकरण को उचित आदेश जारी करना होता है.” राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सभी जानते थे कि माल्या एक दिन भाग सकते हैं और जांच एजेंसियों को उनका पासपोर्ट जब्त कर लेना चाहिए था.
जेटली ने कहा, ‘‘मेरे मुताबिक बैंकों को उनका धन हासिल करने के लिए सभी कदम उठाने चाहिए. अगर कोई निष्क्रियता के लिए जिम्मेदार है या कुछ और तथ्य संज्ञान में आते हैं तो निश्चित रुप से हम इस पर विचार करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे.” जब जेटली से पूछा गया कि क्या सरकार इशरत जहां मामले में जांच का आदेश दे सकती है, तो उन्होंने केवल इतना कहा, ‘‘मेरा मानना है कि संसद में चर्चा चल रही है. गृहमंत्री सक्षम हैं और वह इस पर बयान देंगे .”