यशवंत सिन्हा ने कहा,भाजपा सत्ता में आई तो मुद्रास्फीति घटाएगी
नयी दिल्ली : भाजपा नेता तथा पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वह मुद्रास्फीति को घटाएगी तथा ऐसा अवसर उत्पन्न करेगी कि भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर सके.सिन्हा ने कहा, अगर भाजपा सत्ता में आई तो इस(वर्तमान)सरकार द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई […]
नयी दिल्ली : भाजपा नेता तथा पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वह मुद्रास्फीति को घटाएगी तथा ऐसा अवसर उत्पन्न करेगी कि भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर सके.सिन्हा ने कहा, अगर भाजपा सत्ता में आई तो इस(वर्तमान)सरकार द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई करेगी. मुद्रास्फीति को काबू में कर रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में कटौती करने का अवसर दिया जाएगा. हाल ही के विधानसभा चुनावों में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित सिन्हा ने विश्वास जताया कि लोकसभा चुनावों में भाजपा को लगभग 200 सीटें मिलेंगी और वह सरकार बनाने में सफल होगी. सिन्हा 1998-2002 के दौरान भाजपा नीत राजग सरकार में वित्त मंत्री थे. आम चुनाव अगले साल होने हैं.
मौजूदा कीमत स्थिति पर कांग्रेस को उनकी सलाह पर उन्होंने बाजार में अनाज की ताबड़तोड़ आपूर्ति कारो तथा मुद्रास्फीतिक बढने की प्रत्याशा को नीचे लाओ का सुझाव दिया. सिन्हो ने कहा, हम ऐसा कर चुके हैं. भारतीय खाद्य निगम के पास इस समय अपने गोदामों में 6.5 करोड़ टन का खाद्यान्न भंडार है जबकि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत खाद्यान्न जरुरतों को पूरा करने के लिए सालाना जरुरत 6.1 करोड़ टन की है. बीते पांच साल में खाद्य मुद्रास्फीति तथा खुदरा मुद्रास्फीति उंची बनी हुई है जिससे आम आदमी को परेशानी हुई है. महंगी सब्जियों विशेषकर आलू-प्याज के उंचे दाम से नवंबर में थोक मुद्रास्फीति 14 महीने के उच्चतम स्रत 7.52 प्रतिशत रही.
सिन्हा ने कहा, खाद्य मुद्रास्फीति के साथ शुरु करें. बाजार में खाद्यान्न उदारता से आने दें. सार्वजनिक वितरण प्रणाली में खाद्यान्न डालें. काम के बदले अनाज कार्य्रकमों में खाद्यान्न दें.उन्होंने कहा,जब हम सत्ता में थे उन दिनों हमने ऐसा किया, काम के बदले अनाज कार्य्रकम के लिए खाद्यान्न दिया. अब उनके पास मनरेगा है और वे कह सकते हैं कि आधा वेतन खाद्यान्न के रुप में मिलेगा. तीसरा, मिलों को उदारता से दें ताकि वे आटा, मैदा बनाकर इसे बाजार में भेज सकें.उन्होंने कहा, देखिए भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि नहीं करते हुए उद्योग जगत को कितना खुश किया है. जब वह ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत या 0.50 प्रतिशत की कटौती करना शुरु करेंगे तो इससे स्वत: ही विश्वास आ जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया.