नयी दिल्ली : देश से फरार शराब कारोबारी विजय माल्या की राज्यसभा सदस्यता रद्द हो सकती है. इस मामले को आज ‘इथिक्स कमेटी’ के पास भेज दिया गया है. आपको बता दें कि नौ हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेकर देश से माल्या के मुद्दे को संसद की ‘इथिक्स कमेटी’ को सौंपा गया. ‘इथिक्स कमेटी’ के चेयरमैन डॉक्टर कर्ण सिंह को बनाया गया है. सिंह ने इस मामले पर आज कहा कि जब उनके सामने यह मामला आएगा तब वह इस पर प्रतिक्रिया देंगे. कमेटी द्वारा सदन में सदस्यों के आचरण व व्यवहार पर नजर रखी जाती है.
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर कटाक्ष कर रहा है. आज इस मामले को लेकर कांग्रेस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया और मोदी सरकार को माल्या का मददगार बताया गया. कांग्रेस मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि मोदी सरकार ने विजय माल्या को देश से भागने में मदद की है. इस मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए. पीएम बतायें कि माल्या को किसने भगाया? सुरजेवाला ने कहा कि माल्या के देश छोड़कर भागने में सरकार शामिल है. सरकार बताए कि जब जानकारी थी कि माल्या देश छोड़कर भागने वाला है तो उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
वहीं दूसरी ओर, एनडीए में शामिल दल शिवसेना ने भी आज मामले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. शिवसेना ने आज अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि कई नेताओं और अधिकारियों ने विजय माल्या का नमक खाया है यही कारण है कि देश से भागने में वह सफल हो गया. शिवसेना ने सामना के माध्यम से विजय माल्या को देश का आर्थिक आतंकवादी घोषित किया है. सामना में लिखा गया है विजय माल्या देश का आर्थिक आतंकवादी है, जिसे केंद्र ने विदेश भागने का मौका दिया.