नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की एक टिप्पणी से आज एक विवाद खडा कर दिया जब उन्होंने देश को कथित तौर पर बांटने को लेकर आईएसआईएस और आरएसएस को एक ही कतार में खडा करने का प्रयास किया. इस पर आरएसएस और भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से आयोजित ‘राष्ट्रीय एकता सम्मेलन’ में कहा, ‘‘हम मुसलमानों के बीच भी ऐसे लोगों को देखते हैं कि जो मुस्लिम देशों की तबाही की वजह बन गए हैं….इनके पीछे कुछ ताकते हैं. परंतु हमें यह समझने की जरुरत है कि मुसलमान इसमें क्यों शामिल हो रहे हैं, वे क्यों फंसते जा रहे हैं?” आजाद ने कहा, ‘‘इसलिए, हम आईएसआईएस जैसे संगठनों का उसी तरह विरोध करते हैं जैसे आरएसएस का विरोध करते हैं.
अगर इस्लाम में ऐसे लोग हों जो गलत चीजें करते हैं, तो वे आरएसएस से किसी तरह कम नहीं हैं.” उनके बयान पर आरएसएस नेता जे नंद कुमार ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आजाद की ओर से आईएसआईएस की आरएसएस से तुलना करना कांग्रेस के बौद्धिक दिवालियेपन और आईएसआईएस जैसी कट्टरपंथी एवं निर्मम ताकतों से निपटने की उसकी अनिच्छा को दर्शाता है.”
उन्होंने कहा कि आरएसएस की सर्वोच्च नीति निर्धारण निकाय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा इस मामले पर कानूनी कार्रवाई को लेकर चर्चा करेगी. भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने आजाद के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा, ‘‘आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने ऐसा कहा है. यह उनके मानसिक दिवालियेपन को दिखाता है. उनको माफी मांगनी चाहिए या फिर सोनिया गांधी को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.”