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ED के सामने पेश हुए छगन भुजबल, कहा- मुझे फंसाया गया है

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व लोकनिर्माण मंत्री छगन भुजबल आज पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए जो उनके एवं अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज धन शोधन के एक मामले की जांच कर रहा है. राकांपा के वरिष्ठ नेता विधान पार्षद जितेन्द्र अवहाद के साथ सुबह करीब साढे ग्यारह बजे कडी सुरक्षा के […]

मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व लोकनिर्माण मंत्री छगन भुजबल आज पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए जो उनके एवं अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज धन शोधन के एक मामले की जांच कर रहा है. राकांपा के वरिष्ठ नेता विधान पार्षद जितेन्द्र अवहाद के साथ सुबह करीब साढे ग्यारह बजे कडी सुरक्षा के बीच दक्षिण मुंबई में बल्लार्ड पीयर स्थित प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय पहुंचे. भुजबल ने वहीं मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें फंसाया गया है. प्रवर्तन निदेशालय के बाहर बडी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे और नारे लगा रहे थे. किसी अवांछित घटना से बचने के लिए निषेधाज्ञा लगायी गयी थी.

समझा जाता है कि एजेंसी धन शोधन की रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत भुजबल का बयान दर्ज करेगी. प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए के तहत एक मामला दर्ज किया है जिसमें भुजबल तथा उनके कुछ सहयोगियों के खिलाफ जांच की जा रही है. इस मामले में पूर्व मंत्री के भतीजे समीर को पिछले माह गिरफ्तार किया जा चुका है. फिलहाल समीर यहां की कडी सुरक्षा वाली आर्थर रोड जेल में बंद है.

इस मामले में पिछले माह प्रवर्तन निदेशालय ने भुजबल के बेटे पंकज से भी पूछताछ की थी. मुंबई पुलिस की प्राथमिकी के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के महाराष्ट्र सदन निर्माण घोटाले और कलीना भूमि हडपने के मामले में पीएमएलए के प्रावधानों के तहत भुजबल और अन्यों के खिलाफ दो मामले दर्ज किये हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन कानूनों के तहत इस मामले में तीन संपत्तियों की कुर्की का आदेश भी हासिल कर लिया है.

इन संपत्तियों की अनुमानित कीमत 280 करोड रुपये से अधिक है. छगन भुजबल, पंकज, समीर और अन्य लोगों की संपत्तियों और कार्यालयों सहित नौ परिसरों में प्रवर्तन निदेशालय ने दो बार छापेमारी भी की. इस कार्रवाई को राकांपा ने ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया था. राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने छगन भुजबल, पंकज, समीर और 14 अन्य के खिलाफ महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में एक आरोपपत्र दाखिल कर दिया है. नये महाराष्ट्र सदन का निर्माण 100 करोड रुपये की लागत से किया गया था और तब महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन की सरकार थी.

प्रवर्तन निदेशालय में प्रवेश से पहले भुजबल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा ‘यह राजनीतिक प्रतिशोध है. सच सामने आना चाहिए. मैं प्रवर्तन निदेशालय के साथ सहयोग करुंगा.’ भुजबल के आने से पहले राकांपा के कम से कम 30 कार्यकर्ताओं को प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय के बाहर कुछ देर के लिए ऐहतियान हिरासत में ले लिया गया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि करीब 125 पुलिस कर्मी जोन एक के डीसीपी मनोज कुमार शर्मा की अगुवाई में प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में मौजूद थे और कार्यालय की ओर आने वाली सडकों पर दोनों तरफ अवरोधक लगाए गए थे.

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