नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह की अध्यक्षता वाली राज्यसभा आचार समिति ने विजय माल्या के मुद्दे का संज्ञान लिया जो कथित तौर पर नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक के बैंक ऋण डिफाल्टर हैं. विपक्षी सदस्यों द्वारा दिए गए नोटिस पर कार्रवाई करते हुए उच्च सदन के सभापित हामिद अंसारी ने मामले को समिति को भेजा था.
सिंह ने समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘माल्या से संबंधित सवाल आज सुबह सदन में उठा. सभापति ने मामला आचार समिति को भेज दिया है. हमारी बैठक का फैसला पूर्व में हुआ था. वहां दो और मुद्दे थे. अब हमने इस तीसरे मुद्दे को भी लिया है.’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने इसका संज्ञान लिया है. अब हम नियमों के अनुसार इस पर आगे बढ़ेंगे.’
* बेयर, सेनोफी के निदेशक मंडल से हटना पड़ सकता है माल्या को
बाजार नियामक सेबी द्वारा जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों (विलफुल डिफाल्टरों) को सूचीबद्ध कंपनियों में कोई पद लेने से प्रतिबंधित किए जाने के बाद संकट में घिरे उद्योगपति विजय माल्या को अपने यूबी ग्रुप की अन्य इकाइयों के साथ साथ बेयर क्रापसाइंसेज व सेनोफी इंडिया के निदेशक मंडल से भी हटना पड सकता है. नये नियमों के बाद अब माल्या के पास और कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है.
माल्या ने हाल ही में यूनाइटेड स्प्रिटिस के चेयरमैन व निदेशक पद से इस्तीफा दिया था. हालांकि, वे अपने यूबी ग्रुप की कुछ कंपनियों के साथ साथ अन्य कंपनियों के निदेशक मंडल में बने हुए हैं. इनमें कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भारतीय अनुषंगियां भी शामिल है.
माल्या इस समय बेयर कार्प साइंसेज, सेनोफी इंडिया, मंगलौर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स, यूनाइटेड ब्रेवरीज, यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स व किंगफिशर एयरलाइंस के बोर्ड में है. माल्या को नये नियमों के प्रभाव में आने के बाद इन बोर्डों से हटना होगा. सेबी के चेयरमैन यू के सिन्हा ने 12 मार्च को कहा था कि नये नियम अधिसूचित होने के साथ ही अस्तित्व में आ जाएंगे.