चिदंबरम ने माना, इशरत मामले के दूसरे हलफनामे में किया था ”स्मॉल एडिटोरियल चेंजेस”
नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने माना है कि उन्होंने इशरत जहां के दूसरे हलफनामें में मामूली ‘एडिटोरियल चेंजेस’ किया था. उन्होंने कहा कि हलफनामें को कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया. एक वकील के नजरिये से उसमें कुछ अल्पविराम आदि लगाये गये. यह हर वकील की आदत होती है […]
नयी दिल्ली : कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने माना है कि उन्होंने इशरत जहां के दूसरे हलफनामें में मामूली ‘एडिटोरियल चेंजेस’ किया था. उन्होंने कहा कि हलफनामें को कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया. एक वकील के नजरिये से उसमें कुछ अल्पविराम आदि लगाये गये. यह हर वकील की आदत होती है कि वह कुछ अल्पविराम लगाता है या कुछ शब्दों को हटाता है. उन्होंने तत्कालीक गृहसचिव जी के पिल्लई के बारे में कहा कि उन्होंने अपना नजरिया बदल दिया है. स्वतंत्र भारत में सबको अभिव्यक्ति की आजादी है. चिदंबरम ने कहा कि कोई मुझे बताये कि दूसरे हलफनामें में क्या गलत है. कौन सा वाक्य गलत है. कोई मुझे ऐसे ही नहीं फंसा सकता है.
सोमवार को एक कार्यक्रम में चिदंबरम ने कहा कि तत्कालीन गृह सचिव जी के पिल्लई ने इशरत जहां मामले से जुडे कागजात कम से कम तीन बार देखा था और आश्चर्य जताया कि केवल वही कागजात क्यों गुम हो गये जिनसे साफ हो जाता कि पूर्व नौकरशाह झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘फाइल (तत्कालीन) गृह सचिव की मेज से कम से कम तीन बार गुजरी थी.’ सोमवार को कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने भाषा की गुणवत्ता में सुधार के लिए केवल मामूली संपादन किया था.
चिदंबरम ने स्पष्ट करते हुए कहा, ‘मसौदा जब एजी (अटार्नी जनरल) के पास से आया, जब उन्होंने मेरे पास भेजा और जब मैंने इसे वापस भेजा. कम से कम तीन बार फाइल उनके (पिल्लई) पास गयी. और अब वह कह रहे हैं कि वो कागजात गायब है. जांचे गये मसौदा के गायब होने से किसका फायदा है? मैं चाहता था कि मसौदा एजी जांचें.’ उन्होंने कहा, ‘(एजी) देश के शीर्ष कानूनी अधिकारी थे. अगर एजी का जांचा गया मसौदा प्रस्तुत हो तो साबित हो जाएगा कि देश के शीर्ष कानूनी अधिकारी एजी ने मसौदा देखा. मैंने कुछ नहीं छिपाया है और मुझे उम्मीद है कि रहस्य से परदा उठ चुका है.’