शीला ने कहा,‘आप’ को बिना शर्त समर्थन नहीं

नयी दिल्ली : पंद्रह साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहने के बाद विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के हाथों हार का सामना करने वाली शीला दीक्षित ने आज यह स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस की ओर से ‘आप’ को दिया जाने वाला समर्थन ‘बिना शर्त समर्थन’ नहीं है. ‘आप’ के सरकार बनाने के फैसले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2013 12:16 PM

नयी दिल्ली : पंद्रह साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहने के बाद विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के हाथों हार का सामना करने वाली शीला दीक्षित ने आज यह स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस की ओर से ‘आप’ को दिया जाने वाला समर्थन ‘बिना शर्त समर्थन’ नहीं है. ‘आप’ के सरकार बनाने के फैसले का स्वागत करते हुए शीला ने उम्मीद जताई कि नई पार्टी जनता से किए गए वायदों को पूरा कर सकेगी.

दीक्षित ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमने कहा था कि हम बाहर से समर्थन देंगे. यह समर्थन बिना शर्त समर्थन नहीं है. मैं उन्हें सरकार बनाने के फैसले पर बधाई देती हूं और उम्मीद करती हूं कि वे उन वायदों को पूरा कर सकेंगे, जो उन्होंने दिल्ली की जनता से किए हैं.’’ इससे पहले ‘आप’ ने कांग्रेस से बाहर से समर्थन लेकर सरकार बनाने का फैसला किया. इस मुद्दे पर बीते दिनों कराए गए जनमत संग्रह के नतीजों के विश्लेषण के बाद राजनैतिक कार्यकारी समिति की बैठक में सरकार बनाने का यह फैसला लिया गया.

दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस ‘आप’ को तब तक समर्थन देना जारी रखेगी जब तक वे कुछ करके दिखाते हैं. लेकिन साथ ही दीक्षित ने बिजली बिल को 50 प्रतिशत कम करने और रोजाना हर घर में 700 लीटर पानी पहुंचाने जैसे उनके वायदों पर संदेह भी जाहिर किया. तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं दीक्षित ने कहा, ‘‘हम तब तक उहें समर्थन देना जारी रखेंगे जब तक वे कुछ करके दिखाते हैं. हम पहले ही जानते हैं कि जिस तरह के वायदे उन्होंने किए हैं उन्हें पूरा करना संभव नहीं है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम बाहर से समर्थन दे रहे हैं. यह बिना शर्त समर्थन नहीं है. हम उन्हें सिर्फ उन नीतियों के लिए है, जिनकी वे बात कर रहे हैं. अगर वे दिल्ली की जनता को राहत पहुंचा सकते हैं तो यह बहुत अच्छा है.’’4 दिसंबर को दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को बुरी तरह हराया था और कांग्रेस के खाते में महज आठ ही सीटें आई थीं. दीक्षित ‘आप’ के नेताओं की आलोचना करती दिखाई दीं. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस द्वारा इस नई पार्टी को समर्थन दिए जाने के बाद भी ‘आप’ के नेता कांग्रेस के खिलाफ ‘असभ्य’ भाषा का प्रयोग कर रहे हैं.

दीक्षित ने कहा, ‘‘उनकी भाषा अच्छी नहीं है. यह असभ्य है. हम एक दूसरे की आलोचना कर सकते हैं लेकिन उसके लिए भाषा सभ्य होनी चाहिए.’’दिल्ली में कांग्रेस के प्रभारी महासचिव शकील अहमद ने कहा कि पार्टी ‘आप’ के साथ है.

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