हरियाणा सरकार को दिया जाटों का 72 घंटे का अल्टीमेटम खत्म, आंदोलन की चेतावनी

चंडीगढ : जाट समुदाय की ओर से आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा सरकार को दिया गया 72 घंटे का अल्टीमेटम आज खत्म हो गया है. ऐसे में हरियाणा सरकार जाटों के एक बार आंदोलन को लेकर चिंतित है और प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी है. प्रशासन ने रोहतक में सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2016 1:25 PM

चंडीगढ : जाट समुदाय की ओर से आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा सरकार को दिया गया 72 घंटे का अल्टीमेटम आज खत्म हो गया है. ऐसे में हरियाणा सरकार जाटों के एक बार आंदोलन को लेकर चिंतित है और प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी है. प्रशासन ने रोहतक में सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का निर्देश जारी कर दिया है. हरियाण के मुख्‍यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहते हैं. उन्होंने मोदी से मिलने का समय भी मांगा है. जाटों की मांग है कि उन्हें ओबीसी यानी केंद्र की अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल कर सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाए.

आरक्षण का ऐसा लाभ अभी अन्य पिछड़ा वर्ग के बाकी लोगों को मिलता है. दरअसल, देश में आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था के तहत ओबीसी को 27 फीसदी और एससी-एसटी को 22.5 फीसदी आरक्षण मिलता है. वैसे भी हरियाणा में कुल आबादी का करीब 29 प्रतिशत आबादी जाटों का है. इनमें से ज्यादातर खेती के काम से जुड़े रहे हैं और उन्हें आर्थिक आधार पर संपन्न माना जाता है. जाटों का एक बड़ा वर्ग हरियाणा में व्यवसाय से भी जुड़ा हुआ है. बुधवार को बजट सत्र का समापन हो गया. बजट सत्र में जाट आरक्षण का मुद्दा भी शामिल होने की उम्मीद जतायी जा रही थी. लेकिन सत्र संपन्न हो गया और जाटों का मामला सदन में नहीं उठाया गया.

हरियाणा सरकार से जाटों ने एक और मांग की है. जाटों की मांग है पिछले आंदोलन में जिन जाट नेताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया है वह वापस लिया जाए. सांसद राज कुमार सैनी के खिलाफ हो रही कार्रवाई भी बंद करने की मांग जाटों ने की है. रोहतक के जाट भवन में जाट आरक्षण को लेकर बैठक का आयोजन की तैयारी की गयी है. प्रदेश सरकार की ओर से विधानसभा में विधेयक लाने पर इस बैठक के जरिए नजर रखी जाएगी. पिछले दिनों आरक्षण की मांग को लेकर जाटों ने काफी उत्पात मचाया था. वहीं आंदोलन बंद करने के बाद उनलोगों ने कहा था कि अगर सत्र में जाट आरक्षण का मुद्दा नहीं सुलझाया गया तो एक बार फिर से आंदोलन किया जायेगा.

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