सूफी सम्मेलन में मोदी के स्वागत में लगे “भारत माता की जय” के नारे

नयी दिल्ली :विश्व सूफी मंच (डब्ल्यूएसएफ) का आगाज आज हो गया. सूफी सम्मेलन का उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया . प्रधानमंत्री ने सूफी सम्मेलन में अपने भाषण की शुरूआत करने से पहले सबका स्वागत करते हुए कहा कि आपका दिल्ली में स्वागत है जिसे अलग- अलग संस्कृतियों ने बनाया है. सूफी संत मानवता की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2016 8:19 PM

नयी दिल्ली :विश्व सूफी मंच (डब्ल्यूएसएफ) का आगाज आज हो गया. सूफी सम्मेलन का उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया . प्रधानमंत्री ने सूफी सम्मेलन में अपने भाषण की शुरूआत करने से पहले सबका स्वागत करते हुए कहा कि आपका दिल्ली में स्वागत है जिसे अलग- अलग संस्कृतियों ने बनाया है. सूफी संत मानवता की सेवा करते हैं. अगर हम भगवान से प्यार करते हैं तो उसकी बनायी हर चीज से प्यार करना चाहिेए. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति का संदेश दिया और इस्लाम का अर्थ समझाते हुए इसे शांति से जोड़ा.

यहां उन्होंने सीरिया समेत कई मुल्‍कों की चर्चा की. उन्होंने कई संतो का जिक्र किया और आतंकवाद की भी चर्चा की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसी ही मंच पर भाषण देने के लिए पहुंचे भारत माता की जय के नारे से पूरा हॉल गूंज उठा. सूफी इस्लामिक परंपरा की विराटता को दिखाता है. ऐसे समय में पूरी दुनिया में अंधेरा छाया है तो सूफी नूर की तरह है.

प्रधानमंत्री ने कहा, आतंकवाद को धर्म से जोड़ना गलत है. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं है. अगर एक देश में आतंकी हमला होता है तो इसका असर पूरी दुनिया में होता है. साल 2015 में ही 90 से ज्यादा देशों ने आतंकी हमले को झेला है. आतंकवाद से किसी को फायदा नहीं मिलेगा यह लोग अपने ही देश में अपने ही लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं. कुछ लोग ऐसे हैं जिनको आतंकवाद की ट्रेनिग दी जा रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कई सूफी संतो का जिक्र करते हुए कहा,सूफी संतोने शांति और समाज के हित के लिए काम किया. सूफी में सेवा का मतलब मानवता की सेवा है. इस्माल का असली मतलब शांति है और सूफीवाद शांति की आवाज है. अल्लाह के किसी नाम का मतलब हिंसा नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा, आप अलग धरती से आये हैं अलग संस्कृति से आये हैं पर आप सभी एक साधारण विश्वास से एक है. यह सम्मेलन उन लोगों के लिए है जो शांति का संदेश देते हैं , सहिष्णु है और प्यार है.

200 से भी अधिक सूफी विद्वान कर रहे हैं शिरकत
सूफी सम्मेलन में पाकिस्तान समेत 20 देशों के 200 से भी अधिक मशहूर सूफी विद्वान समारोह में भाग ले रहे हैं. कार्यक्रम से पहले अखिल भारतीय उलेमा और मशाएख बोर्ड (एआईयूएमबी) के संस्थापक अध्यक्ष सैयद मोहम्मद अशरफ ने इसे भारत में सूफी धर्मस्थलों की शीर्ष संस्था बताया था उन्होंने कहा था समारोह का उद्देश्य दुनियाभर में हिंसक उग्रवाद से लड़ने के लिए इस्लाम के शांति और सहिष्णुता के संदेश को फैलाना है.

Next Article

Exit mobile version