12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सरकारी विज्ञापनों में अब चमकेगा ”मंत्रियों का चेहरा”

नयी दिल्ली : सरकारी विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज आपने फैसले में बदलाव किया है. कोर्ट ने अपने फैसले में बदलाव करते हुए राज्य के मुख्‍यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और केंद्रीय मंत्रियोंके तस्वीर की इजाजत सरकारी विज्ञापनों में करने की अनुमति प्रदान कर दी है. इस तरह के विज्ञापनों में राज्य के मंत्रियों के […]

नयी दिल्ली : सरकारी विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज आपने फैसले में बदलाव किया है. कोर्ट ने अपने फैसले में बदलाव करते हुए राज्य के मुख्‍यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और केंद्रीय मंत्रियोंके तस्वीर की इजाजत सरकारी विज्ञापनों में करने की अनुमति प्रदान कर दी है. इस तरह के विज्ञापनों में राज्य के मंत्रियों के साथ राज्यपाल के फोटो लगाने की अनुमति कोर्ट ने दी है.आपको बता दें कि पिछले साल सरकारी विज्ञापनों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए मुख्‍यमंत्री और उसके कैबिनेट की तस्वीरों पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि सरकारी विज्ञापनों में मात्र राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश की तस्वीरें लगाई जा सकती हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र एवं राज्यों की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया है. याचिका करने वालों में पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु भी शामिल हैं जहां चुनाव होने वाले हैं. इन याचिकाओं में विज्ञापनों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश के अलावा अन्य नेताओं के चित्र प्रकाशित करने पर प्रतिबंध लगाने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार किए जाने की मांग करते हुए कहा गया है कि यह आदेश संघीय ढांचा और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और पी. सी. घोष की पीठ ने कहा, ‘‘हम अपने उस फैसले की समीक्षा करते हैं जिसके तहत हमने सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चित्रों के प्रकाशन को मंजूरी दी है. अब हम राज्यपालों, संबंधित विभागों के केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और संबंधित विभागों के मंत्रियों के चित्र प्रकाशित किए जाने की अनुमति देते हैं.’ पीठ ने कहा, ‘‘शेष शर्तें एवं अपवाद यथावत रहेंगे.’

इससे पहले न्यायालय ने नौ मार्च को उन पुनरीक्षण याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जिनमें आग्रह किया गया था कि प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और अन्य राज्य मंत्रियों के चित्रों को सार्वजनिक विज्ञापनों में लगाने की अनुमति दी जाए. शीर्ष अदालत ने इससे पहले सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य नेता की तस्वीर के प्रकाशन पर रोक लगा दी थी. केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने विभिन्न आधारों पर फैसले की समीक्षा करने का समर्थन किया था. उन्होंने कहा था कि अगर विज्ञापनों में प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाने की अनुमति दी जाती है तो वही अधिकार उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को भी उपलब्ध होना चाहिए. रोहतगी ने कहा था कि सरकारी विज्ञापनों में मुख्यमंत्रियों और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के चित्र लगाने की भी अनुमति दी जानी चाहिए.

केंद्र के अलावा कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ ने न्यायालय के 13 मई, 2015 के आदेश की समीक्षा किए जाने का अनुरोध किया था. केंद्र ने समीक्षा की मांग करते हुए कहा था कि संविधान का अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) राज्य और नागरिकों को सूचना देने एवं हासिल करने की शक्ति देता है और इसमें अदालतें कटौती नहीं कर सकतीं और इसका नियमन नहीं कर सकती.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें