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उत्तराखंड : भाजपा ने सरकार बनाने का दावा ठोका, गिर सकती है रावत सरकार

देहरादून :उत्तराखंड में चार साल पुरानी कांग्रेस सरकार आज रात संकट में घिर गयी. उसके नौ विधायकों ने बगावत का झंडा बुलंद करते हुए सरकार गठन का दावा पेश करने वाली भाजपा का समर्थन किया है. पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद भगत सिंह कोशियारी के नेतृत्व में भाजपा का एक तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल के के […]

देहरादून :उत्तराखंड में चार साल पुरानी कांग्रेस सरकार आज रात संकट में घिर गयी. उसके नौ विधायकों ने बगावत का झंडा बुलंद करते हुए सरकार गठन का दावा पेश करने वाली भाजपा का समर्थन किया है. पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद भगत सिंह कोशियारी के नेतृत्व में भाजपा का एक तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल के के पाल से मिला और कहा कि हरीश रावत सरकार अल्पमत में आ गयी है और इसे बर्खास्त किया जाए, प्रतिनिधिमंडल में उत्तराखंड मामलों के भाजपा प्रभारी श्याम जाजू और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल थे. राजभवन के सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने कांग्रेस के बागी विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया है.

कुंजवाल द्वारा उसे अस्वीकार करते ही पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, कृषि मंत्री हरक सिंह रावत, पूर्व उद्यान मंत्री अमृता रावत, विधायक शैलारानी रावत, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणब सिंह चैंपियन, सुबोध उनियाल, डा शैलेंद्र मोहन सिंघल और उमेश शर्मा काउ भाजपा विधायकों के समर्थन में खडे हो गये और अध्यक्ष पर मत विभाजन की मांग स्वीकार करने की मांग करने लगे. इससे सदन में शोरगुल की स्थिति पैदा हो गयी और मत विभाजन की मांग कर रहे सभी विधायक हरीश रावत सरकार विरोधी नारे लगाते हुए अध्यक्ष के आसन के सामने धरने पर बैठ गये.

हालांकि, इसी बीच अध्यक्ष कुंजवाल ने बजट के ध्वनिमत से पारित होने की घोषणा की और सदन की कार्यवाही 28 मार्च तक के लिये स्थगित कर दी. भाजपा विधायकों तथा रावत सरकार के विरोधी विधायकों ने सदन में हाथ लहराते हुए अपनी विजय का जश्न मनाया और कहा कि चूंकि उनके साथ 35 विधायकों का बहुमत है इसलिये हरीश रावत सरकार अल्पमत में आ गयी है.

विधानसभा में आज भाजपा के दो सदस्यों को छोडकर सभी 26 सदस्य मौजूद रहे. विधायक गणेश जोशी गिरफ्तार होने के कारण सदन मे मौजूद नहीं थे जबकि उसके एक अन्य सदस्य भीमलाल आर्य पार्टी से असंतुष्ट होने के चलते नहीं आये. उधर, कांग्रेस के भी एक सदस्य सरबत करीम अंसारी सदन में नहीं आ पाये जबकि रावत सरकार को समर्थन दे रहे प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा के सभी छह सदस्य मौजूद थे. कुल 67 सदस्यों की प्रभावी क्षमता वाली विधानसभा में से 35 सदस्यो ने रावत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

हरक सिंह रावत ने दावा किया कि बहुमत के लिये 34 सदस्यों की जरुरत है जबकि हम मिलकर 35 सदस्य हो गये हैं. उधर, अध्यक्ष कुंजवाल ने यह पूछे जाने पर कि सरकार के खिलाफ खुलकर आने वाले विधायकों की सदस्यता क्या समाप्त हो जायेगी, कहा कि इसके बारे में कोई भी ंनिर्णय कांग्रेस पार्टी से लिखित में कुछ दिये जाने के बाद ही किया जायेगा.

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