रुड़की : आइआइटी के पूर्व छात्र रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा है कि सार्वजनिक जीवन में आने की उन्होंने कभी नहीं सोची थी और राजनीति की नदी में उनको धक्का देकर उतारा गया लेकिन वह तैरने में कामयाब रहे. आइआइटी रुड़की के ‘काग्निजेंस 2016′ के उदघाटन के वक्त कल उन्होंने भविष्य के तकनीकीविदों को संबोधित करते हुए हास्यबोध का इस्तेमाल किया.
तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने कहा, जब मैं यहां आया तो मुझे दो पन्ने का तैयार भाषण दिया गया लेकिन तभी मैंने सोचा कि जब हम ‘मेक इन इंडिया’ की बात करते हैं तो मेरा खुद का भाषण होना चाहिए. इसलिए मैं अपने तरीके से, आइआइटी की तरह छात्रों से सीधे बात करुंगा. उन्होंने कहा, यह वापस आइआइटी-बंबई पहुंचने जैसा है. बीटेक के समय मैं आइआइटी में रहा था और पीजी पाठ्यक्रम में भी गया लेकिन एम टेक पूरा नहीं कर पाया. डिग्री से ज्यादा मुझे ज्ञान मिला. आइआइटी में मैंने 6.5 साल गुजारे.
उन्होंने कहा कि अंडरग्रेजुएशन के लिए मैंने 6.5 वर्ष नहीं गुजारे लेकिन मेरे पास बीटेक डिग्री है जैसा कि मेरा शपथपत्र कहता है ना कि एमटेक. मेरे खिलाफ कोई भी मामला दायर कर सकता है. मंत्री परोक्ष रुप से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की शैक्षिक योग्यताओं से जुड़े विवाद का संदर्भ दे रहे थे. नेता बनने की अनिच्छा पर उन्होंने कहा, कई आइआइटीयन अमेरिका, ब्रिटेन जाते हैं लेकिन मैं यहीं रहा. मैं आपको बताता हूं कि मैंने राजनीति में आने की कभी नहीं सोची. मैं बस नदी किनारे बैठा हुआ था और पीछे से किसी ने मुझे धक्का दे दिया. उन्होंने कहा, लेकिन मैं नदी में सफलतापूर्वक तैर पाया और गोवा का मुख्यमंत्री बन गया और फिर रक्षा मंत्री बन गया.