12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

असहिष्णुता से मुक्त दुनिया चाहते हैं छात्र : मनमोहन सिंह

गांधीनगर : देश में असहिष्णुता एवं राष्ट्रवाद पर जारी बहसों के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज छात्रों को सलाह दी कि वे दुनिया को असमानता एवं असहिष्णुता से मुक्त बनाने के लिए निर्णय करने वाले विभिन्न व्यक्तियों से सहयोग करें. मनमोहन सिंंह ने कहा, आज के युवाओं के पास भविष्य के लिए उज्ज्वल […]

गांधीनगर : देश में असहिष्णुता एवं राष्ट्रवाद पर जारी बहसों के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज छात्रों को सलाह दी कि वे दुनिया को असमानता एवं असहिष्णुता से मुक्त बनाने के लिए निर्णय करने वाले विभिन्न व्यक्तियों से सहयोग करें. मनमोहन सिंंह ने कहा, आज के युवाओं के पास भविष्य के लिए उज्ज्वल दृष्टि है. वे गरीबी, बेरोजगारी, असमानता, असहिष्णुता मुक्त विश्व चाहते हैं. छात्रों को इस सुंदर सपने के बारे में पता लगाने एवं उसे साकार करने के लिए सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों में विभिन्न निर्णय करने वालों से हाथ मिलाना चाहिए.

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, छात्र सामाजिक तानेबाने का अभिन्न हिस्सा हैं. उन्हें एक व्यक्ति के तौर पर स्वयं एवं समग्ररूप से समाज के बीच के संबंध के महत्व को समझना चाहिए. छात्रों का मुख्य कार्य अध्ययन है लेकिन यह उन्हें इसकी आजादी नहीं देता कि वे स्वयं को दुनिया में अपने आसपास होने वाली घटनाओं से अलग कर लें. मनमोहन सिंह गांधीनगर जिले में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शंकरसिंह वाघेला की ओर से संचालित शैक्षिक संस्था ‘बापू गुजरात विलेज’ में ‘‘भारत के भविष्य निर्माण में छात्रों की भूमिका” विषय पर बोल रहे थे.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का यह बयान ऐसे समय आया है जब जेएनयू एवं हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में घटनाओं के बाद देश में असहिष्णुता एवं राष्ट्रवाद पर राष्ट्रीय चर्चा चल रही है. सिंह ने कहा, एक अच्छी शैक्षिक व्यवस्था को हमारे संविधान में निहित मूल्य व्यवस्थाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘इस विशाल देश के इतिहास से हमेें हमारे स्वतंत्रता आंदोलन में छात्रों द्वारा निभायी गयी भूमिका के बारे में पता चलता है. महात्मा गांधी के नेतृत्व में हमारे महान नेताओं का अनुभव एवं ज्ञान जब हमारे छात्रों के जोश एवंं सक्रियता मिला तो हमें आजादी केरूप में वांछित परिणाम प्राप्त हुआ.

अब फिर से समय आ गया है कि हम एक बार फिर देश का नेतृत्व करने का दायित्व लें ताकि वह विश्व की एक शीर्ष आर्थिक शक्ति बन सके. वाघेला ने इस मौके पर वित्त मंत्री और बाद में प्रधानमंत्री के तौर पर सिंह की उपलब्धियों की प्रशंसा की और कहा कि कोई भी यह कल्पना कर सकता है कि सिंह यदि इस पद पर नहीं होते तो भारत की स्थिति क्या होती.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें