देहरादून : उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस के बीच घामासान जारी है. इसी बीच शनिवार को सूबे के राज्यपाल केके पॉल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने विधानसभा में 18 मार्च की घटना के मद्देनज़र 28 मार्च से पहले रावत को अपना बहुमत साबित करने को कहा है. शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्यपाल से मुलाकात की और 18 मार्च के घटनाक्रम पर अपना पक्ष उनके समक्ष रखा. हरीश रावत ने इस घटनाक्रम के बाद साफ़ कहा है कि वो इस्तीफ़ा नहीं देंगे, अगर सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाए तो राज्यपाल को इस्तीफ़ा सौंपेंगे हलांकि उनका दावा है कि उन्हें विधायकों का पूर्ण समर्थन हासिल है.
भाई को समझाएंगी छोटी बहन
कांग्रेस हाईकमान ने शनिवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता रीता बहुगुणा जोशी से कहा है कि वह बागी तेवर दिखा रहे अपने बडे भाई विजय बहुगुणा को विपक्षी भाजपा के साथ हाथ न मिलाने और गरिमा के साथ घर लौटने के लिये मनायें. उत्तर प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष रीता उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की छोटी बहन हैं और उन्हें कांग्रेस हाईकमान ने यह काम सौंपा है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापे जाने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस हाईकमान को उम्मीद है कि वह अपने भाई को अपनी सरकार के खिलाफ टकराव का रास्ता न अपनाने के लिये मनाने में सफल हो जायेंगी.
मुख्यमंत्री हरिश रावत ने जोर दिया है कि वह विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने को तैयार हैं. राजभवन के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि रावत को पत्र लिखकर राज्यपाल ने उन्हें 28 मार्च तक सदन में विश्वासमत हासिल करने के निर्देश दिये हैं. अधिकारी ने बताया कि यह पत्र मुख्यमंत्री को भेज दिया गया है. भाजपा का दावा है कि कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को मिलाकर उसके पास 35 विधायकों का समर्थन है. वहीं मुख्यमंत्री रावत का कहना है कि उनकी सरकार अब भी बहुमत में है क्योंकि किसी भी तथाकथित बागी विधायक ने न तो पार्टी और न ही कांग्रेस विधानमंडल दल की सदस्यता छोडी है.