सरकार के लिए आखिरी कोशिश पर दिल्ली पहुंची महबूबा, राज्यपाल से मिले उमर

नयी दिल्ली / श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को लेकर एक बार फिर चर्चा जोरों पर है. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती एक बार फिर भाजपा के साथ सरकार गठन को लेकर चर्चा के लिए दिल्‍ली पहुंची हैं. वहीं, सरकार के सवाल पर उनकी पार्टी पीडीपी के विधायकों की 24 मार्च को बैठक होनी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2016 2:29 PM

नयी दिल्ली / श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को लेकर एक बार फिर चर्चा जोरों पर है. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती एक बार फिर भाजपा के साथ सरकार गठन को लेकर चर्चा के लिए दिल्‍ली पहुंची हैं. वहीं, सरकार के सवाल पर उनकी पार्टी पीडीपी के विधायकों की 24 मार्च को बैठक होनी है. दिल्ली में उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीव भाजपा के अन्य प्रमुख नेताओं से सरकार गठन के सवाल व मांगों पर मुलाकात हो सकती है. पिछले दिनों वे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिली थीं, लेकिन पीएम से उनकी भेंट नहीं हो सकी थी. भाजपा और पीडीपी के बीच सरकार गठन को लेकर आम सहमति नहीं बन पा रही है. पीडीपी का कहना है कि उसने कोई नयी मांग नहीं रखी, बस पुरानी मांगों पर समय सीमा के आधार पर सहमति मांगी है, दूसरी तरफ भाजपा इस बात पर जोर दे रही है कि वह जम्मू कश्मीर के लोगों के विकास के लिए काम करना चाहती है लेकिन पीडीपी की नयी मांगों पर मुहर नहीं लगा सकती.

उधर, नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने आज राज्य के राजनीतिक हालात पर राज्यपाल एनएन वोहरा से भेंट की है. मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि राज्य ढाई साल राजनीतिक अनिश्चितताओं में फंसा है.

पिछले पांच दिनों में यह तीसरी बार है जब महबूबा मुफ्ती दिल्ली पहुंची हैं. सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के बाद महबूबा पूरी बात अपनी पार्टी के नेताओं के सामने रखेंगी. इसके बाद एक आम सहमति बनायी जायेगी. अगर नेता सरकार गठन को लेकर सहमत होते हैं तो पीडीपी अपना कदम आगे बढ़ायेगी.
गौरतलब है कि कल ही भजपा कार्यकारिणी की बैठक खत्म हो चुकी है. इस बैठक में जम्मू कश्मीर में सरकार गठन पर कोई चर्चा नहीं हुई. भाजपा के सूत्रों ने भी यह साफ कर दिया कि जम्मू कश्मीर सरकार गठन में कई पेंच हैं, पीडीपी नयी शर्तों के तहत सहमति चाहती है जिसके लिए भाजपा तैयार नहीं है. पीडीपी के बड़े नेता जो दोनों पार्टियों के बीच पुल का काम करते थे चुप्पी साधे हैं ऐसे में दोनों पार्टियों के लिए एक रास्ते पर पहुंचना मुश्किल हो रहा है. गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद जम्मू कश्मीर में सरकार गठन को लेकर नयी समस्याएं खड़ी हो गयी है.

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