उत्तराखंड: आज राष्ट्रपति से मिलेंगे कांग्रेस के ”बागी” विधायक

देहरादून-नयी दिल्ली : उत्तराखंड की लडाई राष्ट्रपति के दरवाजे पहुंच गयी जहां भाजपा ने हरीश रावत सरकार को बर्खास्त करने की मांग की वहीं कांग्रेस ने केंद्र पर उसकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया.उथलपुथल के बीच उत्तराखंड केभाजपाविधायकों और कांग्रेस नेताओं ने कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की है. अब आज कांग्रेस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2016 7:25 PM

देहरादून-नयी दिल्ली : उत्तराखंड की लडाई राष्ट्रपति के दरवाजे पहुंच गयी जहां भाजपा ने हरीश रावत सरकार को बर्खास्त करने की मांग की वहीं कांग्रेस ने केंद्र पर उसकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया.उथलपुथल के बीच उत्तराखंड केभाजपाविधायकों और कांग्रेस नेताओं ने कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की है. अब आज कांग्रेस के बागी विधायक राष्ट्रपति से मिलने वाले हैं.

उधर, दो बागी कांग्रेस विधायकों को निष्कासित कर दिया गया. उत्तराखंड में विश्वास मत साबित करने से एक सप्ताह पहले कांग्रेस ने आज पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे साकेत और संयुक्त सचिव अनिल गुप्ता को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया वहीं संकट से घिरे मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्र और भाजपा पर उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए धनबल तथा बाहुबल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. साकेत और गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई उन पर रावत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले नौ विधायकों का पक्ष लेने का आरोप लगने के बाद हुई है. शुक्रवार को विधानसभा में साकेत के पिता विजय बहुगुणा ने सरकार के खिलाफ मतदान किया था.

भाजपा किया दावा, सरकार अल्पमत में

यह लडाई आज राष्ट्रीय राजधानी में पहुंच गयी और प्रदेश के सभी भाजपा सांसदों और विधायकों ने राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला जिसके बाद पार्टी नेता कैलाश विजयवर्गीय और श्याम जाजू के साथ एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और हरीश रावत सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए दावा किया कि कांग्रेस विधानसभा में बहुमत खो चुकी है. पहले भाजपा ने संख्याबल दिखाने के लिए कांग्रेस के बागी विधायकों को भी अपने साथ ले जाने की योजना बनायी थी लेकिन बाद में जब इस तरह के संकेत मिले कि यह सही नहीं होगा तो इस योजना को त्याग दिया गया.

विजयवर्गीय ने कहा, ‘यह सरकार अल्पमत में है. उसे एक मिनट भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है.’ उन्होंने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की और सरकार को हटाने की मांग की. उन्होंने वित्त विधेयक की घोषणा करने के उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को असंवैधानिक बताया. इस पर भाजपा और असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने मतविभाजन की मांग की थी. विजयवर्गीय ने कहा, ‘हमने राष्ट्रपति से सदन की रिकार्ड की गयी कार्यवाही को देखने का अनुरोध किया है जिससे स्पष्ट है कि अधिकतर विधायक बजट के खिलाफ थे. सरकार उसी दिन गिर गयी थी.’

कांग्रेस ने कहा भाजपा सरकार को अस्थिर करना चाहती है

कुछ ही समय बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी के नेतृत्व में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिला और उनसे राज्य में कानून का शासन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया. कांग्रेस का आरोप था कि केंद्र और भाजपा असंवैधानिक तरीकों से राज्य सरकार को अस्थिर कर रहे हैं. कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से कहा, ‘भाजपा के इशारे पर राष्ट्रपति शासन लगाने का केंद्र सरकार का कोई भी प्रयास पूर्वदृष्टया गैरकानूनी होगा. संविधान के अनुच्छेद 356 को लगाना मजाक होगा.’ कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, अंबिका सोनी और मोतीलाल वोरा शामिल थे. उन्होंने कहा कि यह कदम केंद्र में सत्तारुढ व्यवस्था और भाजपा को मिलकर खरीद-फरोख्त के जरिये बहुमत हासिल करने में मदद करेगा.

केंद्र अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रहा है : सिब्बल

उधर सिब्बल ने कहा, ‘केंद्र अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रहा है. वे उत्तराखंड में अरणाचल प्रदेश वाली स्थिति दोहराना चाहते हैं. यह लोकतंत्र और राष्ट्रवाद का नया मॉडल है.’ ज्ञापन में कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति से यह शिकायत भी की कि राज्यपाल को सत्र पहले बुलाने के लिए मनाने के प्रयास भी किये जा रहे हैं. देहरादून में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए हरीश रावत ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि छोटे राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर भाजपा नीत केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है और भाजपा धनबल तथा बाहुबल का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए अच्छा नहीं है जहां हर साल एक नया मुख्यमंत्री देखने को मिले और ऐसे पर्वतीय राज्य के सपने चकनाचूर हो जाएंगे.

सरकार बनाने का भाजपा का दावा

भाजपा का दावा है कि उसे 70 सदस्यीय सदन में 36 विधायकों का समर्थन प्राप्त है जिनमें नौ बागी विधायक शामिल हैं. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने ही पार्टी से संपर्क साधा था. उन्हें लगता है कि कांग्रेस में उनका राजनीतिक करियर समाप्त हो चुका है क्योंकि उन्हें पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया. उन्होंने कहा, ‘हमने कभी उनसे संपर्क नहीं किया. वे पहले हमारे संपर्क में आये. उनकी मांग साधारण थी कि वे सरकार को हटाना चाहते हैं और भाजपा को समर्थन देना चाह रहे हैं.’

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