भुजबल पीएमएलए मामला : ईडी ने 55 करोड रुपये मूल्य की चीनी मिल-जमीन की जब्त

मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री और राकांपा नेता छगन भुजबल एवं अन्य के खिलाफ ‘मनी लाउंड्रिंग’ के आरोपों में अपनी जांच के सिलसिले में राज्य के नासिक जिले में 55 करोड रुपये मूल्य की एक चीनी मिल और 290 एकड जमीन जब्त की है. जांच एजेंसी ने भुजबल की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2016 9:00 PM

मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री और राकांपा नेता छगन भुजबल एवं अन्य के खिलाफ ‘मनी लाउंड्रिंग’ के आरोपों में अपनी जांच के सिलसिले में राज्य के नासिक जिले में 55 करोड रुपये मूल्य की एक चीनी मिल और 290 एकड जमीन जब्त की है. जांच एजेंसी ने भुजबल की कंपनी आर्मस्ट्रांग इंफ्रास्ट्रक्चर के मालिकाना हक वाली दो परिसंपत्तियों के खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी जब्ती आदेश जारी किया. आदेश में दोनों परिसंपित्तयों की कीमत 55 करोड रुपये आंकी गयी है.

फैक्ट्री चलाये जाने पर ईडी ने निषेधाज्ञा भी जारी की

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने फैक्टरी चलाए जाने पर निषेधाज्ञा भी जारी की है. इसकी पहचान गिरना शुगर मिल और और इससे लगी जमीन के रूप में की गयी है. सूत्रों के मुताबिक एजेंसी ने अपनी जांच में पाया है कि 27 करोड रुपये की ‘कम कीमत आंक कर’ भुजबल की कंपनी ने मिल खरीदी थी और यह 2010 में ऋण बसूली अधिकरण (डीआरटी) द्वारा की गयी एक नीलामी के तहत खरीदी गयी थी. उन्होंने बताया कि पूर्व उपमुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा मनी लाउड्रिंग के जरिए जुटाए गए धन का इस्तेमाल इन दोनों परिसंपित्तयों की खरीद में किया गया.

ईडी द्वारा भुजबल की संपत्ति पर चौथा जब्ती आदेश

इस मामले में ईडी द्वारा जारी किया गया यह चौथा जब्ती आदेश है और इसने इससे पहले ही 280 करोड रुपये मूल्य की चल एवं अचल परिसंपत्ति जब्त की है. गौरतलब है कि पीएमएलए कानून के तहत जब्ती आदेश का लक्ष्य आरोपी को अपने कथित अवैध धन से फायदा उठाने से वंचित करना है और आरोपी पक्ष 180 दिनों के अंदर सक्षम प्राधिकार के समक्ष आदेश के खिलाफ अपील कर सकते हैं. भुजबल को उनके पूर्व सांसद भतीजे समीर के साथ इस मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था और वे फिलहाल जेल में हैं. एजेंसी ने पीएमएलए के तहत भुजबल और उनके बेटे पंकज तथा समीर के खिलाफ मुंबई पुलिस की एसीबी की प्राथमिकियों के आधार पर दो प्राथमिकी दर्ज की है, ताकि दिल्ली स्थित स्टेट गेस्ट हाउस महाराष्ट्र सदन के निर्माण कार्य में कथित अनियमितता और कलीना भूमि हडप मामले की जांच हो सके.

जांच के लिए एसीबी वाली विशेष जांच टीम गठित

बंबई उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2014 में ईडी और राज्य के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) की सदस्यता वाली एक विशेष जांच टीम गठित की थी ताकि भुजबल और अन्य के खिलाफ जांच हो सके. एसीबी की शिकायत में पंकज और समीर नामजद हैं और उनके खिलाफ फर्जीवाडा, आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात जैसी आईपीसी की धाराएं तथा महाराष्ट्र ऑनरशिप फ्लैट एक्ट के संबद्ध प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था. जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा है कि छगन भुजबल द्वारा अवैध रुप से जुटाए गए धन और रिश्वत की राशि का मेसर्स परवेश कंस्ट्रक्शन प्रॉ. लि. और मेसर्स आर्मस्ट्रांग एनर्जी प्रा. लि. द्वारा संभवत: इस्तेमाल किया गया.

जांच टीम की रिपोर्ट मेंकहा किअवैध संपत्ति को बनाया वैध

जाच रिपोर्ट में बताया गया है कि इस अवैध कोष को आगे चलकर वैध बनाया गया और मेसर्स आर्मस्ट्रांग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा लि. के जरिए आगे बढाया गया तथा बाद में नासिक स्थित गिरना चीनी मिल की परिसंपत्ति में लगाया गया ताकि इस धन के उद्गम स्रोत को छिपाया जा सके और इसे साफ सुथरा दिखाया जा सके. इसने बताया है कि आज जब्त की गयी मिल और भूमि को मेसर्स आर्मस्ट्रांग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा लि. ने नीलामी के जरिए हासिल किया था. इसमें 10 करोड रुपये के बैंक ऋण के अलावा शेष 17,82,55,010 रुपये का भुगतान अवैध कोष से किया गया था जिसे मेसर्स आर्मस्ट्रांग एनर्जी प्रा लि. और मेसर्स परवेश कंस्ट्रक्शन प्रा लि. से प्राप्त किया गया था.

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