लोकसभा चुनावों से पहले हड़ताल के पक्ष में रेलवे कर्मचारी
नयी दिल्ली : रेलवे पर आज हड़ताल का खतरा मंडराता हुआ दिखाई दिया जब इसके अधिकतर कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना को समाप्त करने की, वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों के लिए नौकरी समेत अन्य मांगों के पक्ष में आवाज बुलंद की. सरकार को लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले मांगे […]
नयी दिल्ली : रेलवे पर आज हड़ताल का खतरा मंडराता हुआ दिखाई दिया जब इसके अधिकतर कर्मचारियों ने नई पेंशन योजना को समाप्त करने की, वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों के लिए नौकरी समेत अन्य मांगों के पक्ष में आवाज बुलंद की. सरकार को लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले मांगे पूरी करने के लिए पर्याप्त समय देने के लिहाज से चुनावों से पहले राष्ट्रव्यापी हड़ताल हो सकती है.
अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी संघ (एआईआरएफ) के महासचिव शिव गोपाल मिश्र ने कहा, ‘‘अगर सरकार और रेल मंत्रालय हमारी मांगें पूरी नहीं करते तो हमारे पास अगले साल फरवरी से मार्च के बीच हड़ताल घोषित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.’’अगर एआईआरएफ अपनी योजना के अनुसार चलता है तो यह देश में 1974 के बाद रेलवे में सबसे बड़ी हड़ताल होगी. मिश्र ने कहा कि एआईआरएफ से जुड़े 96 प्रतिशत से अधिक रेलवे कर्मचारियों ने अपनी 36 सूत्री मांगों के लिए हड़ताल के पक्ष में वोट दिया है.
एआईआरएफ ने हड़ताल के संबंध में अंतिम निर्णय लेने से पहले अपने सदस्यों की राय जानने के लिए देशभर में 20 और 21 दिसंबर को हड़ताल के लिए मतदान (स्ट्राइक बैलट) कराया था. एआईआरएफ के 10.5 लाख सदस्यों में से 8,09,303 सदस्यों ने मतदान किया. इनमें से 96 प्रतिशत ने हड़ताल का समर्थन किया. रेलवे में फिलहाल करीब 14 लाख कर्मचारी हैं.