जम्मू कश्मीर : मोदी से ‘पॉजिटिव मुलाकात” के बाद महबूबा ने सरकार गठन पर फैसला गुरुवार तक टाला

नयी दिल्ली :पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आज जम्मू-कश्‍मीर में सरकार गठन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. पिछले दो-तीन माह से सरकार गठन पर संशय पर इस मुलाकात से विराम लग सकता है. हालांकि भाजपा व पीडीपी के बीचइस तरह की कई बैठकें होचुकी हैं, जिससे कभी सरकार पर हां, तो कभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2016 10:44 AM

नयी दिल्ली :पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आज जम्मू-कश्‍मीर में सरकार गठन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. पिछले दो-तीन माह से सरकार गठन पर संशय पर इस मुलाकात से विराम लग सकता है. हालांकि भाजपा व पीडीपी के बीचइस तरह की कई बैठकें होचुकी हैं, जिससे कभी सरकार पर हां, तो कभी ना की खबर सामने आती रही है. हालांकि आज महबूबा काफी आशावादीदिखीं औरपीएम से मिलने केबादउनके चेहरे पर खुशी की चमक भी थी. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद महबूबा ने कहा कि प्रधानमंत्री से सकारात्मक बातचीत हुई है. बातचीत से मैं निश्चिंत हूं. अब यहां से जाकर अगला कदम उठाया जायेगा. महबूबा ने कहा कि उन्होंने गुरुवार को अपनी पार्टी के विधायकों की बैठक बुलायी है. वहीं बैठकर आगे क्या करना है इसपर फैसला करेंगे. महबूबा ने कहा कि अगर मुल्क के प्राइममिनिस्टर कुछकहते हैं तो इससे जम्मू कश्मीर के लोगों के सरोकार सुरक्षित होते हैं. जम्मू कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की मौत के बाद जम्मू कश्‍मीर में सरकार गठन नहीं हो पाया है और वहां राज्यपाल शासन लागू है.

भाजपा-पीडीपी में कहां हैं दिक्कत?

कुछ मांगों को लेकर महबूबा और भाजपा में बात नहीं बन पा रही है. पिछले सप्ताहभाजपा के प्रभारी महासचिव राम माधवकी अोर सेमीडिया मेंखबर आयी थी कि पीडीपी नयी शर्तें लगा रही है, इसके बाद पीडीपी ने कहा था कि वह कोई नयी शर्त नहीं लगा रही है.बसपुराने पर कायम रहने व उसे लागू करने के प्रतिकमिटमेंट चाहती है. पीडीपी चीफ उसके बादएक-दो दिन दिल्ली में रहीं औरफिर रविवार को श्रीनगर लौट गयीं,इस दौरान उनकी पीएम से भेंट नहीं हो सकी. फिर उन्हें सोमवार को दिल्ली बुलाया गया और आज उनकी पीएम से भेंट का समय तय किया गया.ऐसे में प्रधानमंत्री से महबूबा की मुलाकात को राज्य में पीडीपी-भाजपा सरकार बनाने की अंतिम कोशिश का हिस्सा माना जा रहा है.महबूबाबार-बार मीडिया में वाजपेयी शासन का उदाहरण देती हैं. वे वाजपेयी जैसीउदारता व बड़ा दिल दिखाने की मोदी से अपेक्षाअप्रत्यक्ष तौर पर व्यक्त करती रहीं हैं. वेसेना संबंधी मुद्दों से इतर केंद्र से राज्य के लिए भरपूर पैसे भी चाहती हैं. महबूबा ने कई कथित तौर पर शांत इलाकों को अफस्पा हटाने की मांग की है.

सेना से जुड़ें कई मांगें सरकार ने मानी

सेना से जुड़ीपीडीपी की कई मांगें केंद्र ने मान ली है.इसको लेकर पिछले दिनों राज्यपाल के साथ उच्च स्तरीय बैठक भी सेना व अन्य प्रतिनिधियों की हुई थी. इसकेतहत भारतीय सेना श्रीनगर स्थित 212 एकड़ के टट्टू ग्राउंड सहित जम्मू-कश्मीर के चार बड़े इलाकों को मार्च के आखिर तक खाली कर देगी. बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने के लिए यह मुद्दा पीडीपी की मांगों में शामिल था. सेना की उत्तरी कमान जम्मू विश्वविद्यालय परिसर के पास 16.30 एकड़ जमीन, श्रीनगर के टट्टू ग्राउंड में 212 एकड़ जमीन, अनंतनाग के हाईग्राउंड स्थित 456.60 कनाल जमीन और करगिल के निचले खुरबा थांग स्थित जमीन से सेना मार्च के अंत तक हटा ली जाएगी. इन्हें जम्मू-कश्मीर सरकार को सौंप दिया जायेगा.

पीडीपी में भी गतिरोध

पीडीपी में भी भाजपा के साथ जाने को लेकर गतिरोध है. महबूबा मुफ्ती केपास जबरदस्त संगठन कौशल है, लेकिन उनका राजनीतिक व्यक्तित्व अपने पिता के तरहअभी विशाल नहीं है. पीडीपी का एक धड़ाभाजपा के एजेंडे को लेकर सशंकित है.वहीं, दूसरा धड़ा बीजेपी के साथ साझा सरकार गठन केतय एजेंडे के तहत सरकार चलाना चाहता है. ऐसे में महबूबाहर पक्ष को विश्वास में लेकर ही फैसला लेना चाहती हैं, ताकि पार्टी मेंन टूट आये और न ही राज्य में जनाधार छिजे.

ढाई महीने से राजनीतिक अनिश्चितता

उल्लेखनीय हैं राज्य में मुफ्ती मोहम्मद सईद की मौत के बाद ढाई महीने से राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल है और राज्यपाल शासन लगा हुआ है. कल नेशनल कान्फ्रेंस के नेता व पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी राज्यपाल एनएन बोहरा से भेंट की थी और राज्य के हालात पर चर्चा की थी.

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