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वर्ष 1901 के बाद 2014 पांचवां सबसे गर्म वर्ष: टेरी

नयी दिल्ली: पर्यावरण नीति शोध संस्थान टेरी ने कहा कि 2014 में बारिश सामान्य से कम रही और यह 1901 के बाद पांचवां सबसे गर्म वर्ष रहा.रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘वर्ष 2012 में जिन जगहों की निगरानी वाले स्थानों में से 83 प्रतिशत में पीएमसी :पार्टिकुलेट मैटर कानसनट्रेशन: निर्धारित सीमा से अधिक पाये गये. भारत में […]

नयी दिल्ली: पर्यावरण नीति शोध संस्थान टेरी ने कहा कि 2014 में बारिश सामान्य से कम रही और यह 1901 के बाद पांचवां सबसे गर्म वर्ष रहा.रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘वर्ष 2012 में जिन जगहों की निगरानी वाले स्थानों में से 83 प्रतिशत में पीएमसी :पार्टिकुलेट मैटर कानसनट्रेशन: निर्धारित सीमा से अधिक पाये गये.

भारत में 2014 के दौरान औसत सालाना तापमान 1961-90 के औसत से 0.53 डिग्री सेंटिग्रेड अधिक रहा इस लिहाज से 1901 के बाद 2014 पांचवा सबसे गर्म वर्ष रहा।” टेरी एनर्जी एंड इनवायरनमेंट डाटा डायरी एंड ईयरबुक :टीईडीडीवाई: 2015-16 के 13वें संस्करण के अनुसार, ‘‘देश में बारिश 2014 में सामान्य से कम :लंबी अवधि के औसत का 88 प्रतिशत: रही. केंद्र तथा राज्य सरकारों के समक्ष सबसे बडी चुनौती सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी तथा पर्यावरण के लिये आंकडों के संदर्भ में जलवायु कार्य योजना है.” द एनर्जी एंड रिर्सोसेस इंस्टीट्यूट (टेरी) की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में सौर फोटोवोल्टोइक :एसपीवी: बाजार में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गयी है और सौर तापीय प्रौद्योगिकी में करीब 80 प्रतिशत उपकरणों का विनिर्माण घरेलू स्तर पर हुआ है.

दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा केरल ने ग्रिड से जुडे एसपीवी ‘रुफटॉप’ :छतों पर लगने वाली सैर परियोजनाएं: के बारे में नीतियों की घोषणा की है.
रिपोर्ट जारी करने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में सचिव के डी त्रिपाठी ने कहा कि उर्जा सुरक्षा तथा सतत पर्यावरण दो आयाम हैं जिस पर नीति निर्मातओं के साथ-साथ उद्योग को विचार करने की जरूरत है.
त्रिपाठी ने कहा, ‘‘नीति निर्माण के लिये सभी संबंधित आंकडों तथा विश्लेषण की निरंतर समीक्षा जरुरी है. टीईडीडीवाई 2015-16 इस बारे में सभी जरुरी सूचना उपलब्ध कराता है

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