नयी दिल्ली : बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में हवाई अड्डे और मेट्रो स्टेशन पर हुए घातक आतंकी हमलों के बाद वहां फंसे 28 चालक दल के सदस्यों समेत 242 यात्रियों को लेकर जेट एयरवेज का विमान आज सुबह दिल्ली पहुंचा. जेट एयरवेज के एक प्रवक्ता ने बताया कि आज सुबह साढे पांच बजे विमान इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर पहुंचा. प्रवक्ता ने बताया कि विमान में 214 यात्री और चालक दल के 28 सदस्य सवार थे. एम्स्टर्डम से रवाना हुए जेट एयरवेज की उडान संख्या 9 डब्ल्यू 1229 को दिल्ली होते हुए मुंबई जाना था. विमान कल एम्स्टर्डम से स्थानीय समय के अनुसार चार बजकर 54 मिनट पर रवाना हुआ था.
एयरलाइन ने मंगलवार को ब्रसेल्स में हवाई अड्डे और मेट्रो स्टेशन पर हुए घातक आतंकी हमले के मद्देनजर वहां फंसे यात्रियों के लिए कल एम्स्टर्डम से मुंबई, दिल्ली और टोरंटो के लिए विमान संचालन की घोषणा की थी. हालांकि विमान में तकनीकी समस्या के चलते मुंबई की उडान को रद्द कर उसे दिल्ली के साथ जोड दिया गया.कई यात्री अपना सामान भी नहीं ला पाये. एयरपोर्ट पर मंगलवार को धमाके के बाद अफरा-तफरी के माहौल में यात्री अपने सामान छोड़कर भाग खड़े हुए थे.
उसके बाद एयरपोर्ट को पूरी रतह सील कर दिया गया. ऐसे में यात्रियों को अपना सामान निकालने का अवसर नहीं मिला. यहांतक की यात्री अपना हैंडबैग भी नहीं ला पाये हैं. एयरलाइंस ने भरोसा दिलाया है कि यात्रियों के सामान उनतक पहुंचा दिये जायेंगे. ये सभी भारतीय जेट एयरवेज के ही यात्री थे. काफी डरे यात्रियों को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के सहयोग से स्वदेश वापस लाया गया.
उल्लेखनीय है कि ब्रसेल्स एयरपोर्ट और एक मेट्रो स्टेशन पर मंगलवार को हुए बम धमाकों में करीब 35 लोगों की मौत हो गयी थी और लगभग 300 लोग घायल हुए हैं. एयरपोर्ट पर हुए धमाकों में जेट एयरवेज के दो क्रू सदस्य निधि चापेकर और अमित मोटवानी भी घायल हुए थे. इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार सुबह ट्वीट करते जानकारी दी कि ब्रसेल्स में हुए बम धमाकों के बाद से लापता इंफोसिस कर्मचारी राघवेंद्रन गणेश के बारे में अब पता है कि धमाकों के वक्त वह मेट्रो में सफर कर रहा था.
वहीं सूचना प्राद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इंफोसिस ने कहा, ‘एक कर्मचारी को छोड़कर हम अपने अन्य सभी कर्मचारियों से संपर्क में हैं. हम लापता कर्मचारी के परिवार के साथ संपर्क में हैं और अपने इस कर्मचारी का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए ब्रसेल्स स्थित भारतीय दूतावास और वहां के स्थानीय अधिकारियों से संपर्क में हैं.’