नयी दिल्ली : बच्चों में डायरिया से होने वाली मौत को रोकने के लिए केंद्र ने आज अपने यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत रोटावायरस टीकाकरण की शुरुआत की. इस वायरस के कारण हर साल करीब एक लाख बच्चों की जान चली जाती है.
भारत के टीकाकरण कार्यक्रम में इसे ऐतिहासिक पल और उदाहरण योग्य कदम बताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि नियमित टीकाकरण को मजबूत करना भारत के बच्चों में एक जरुरी निवेश है और इससे देश का स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित होगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आज भुवनेश्वर में राष्ट्रव्यापी टीका कार्यकम की शुरुआत की जिसका मकसद देशभर में 2.7 करोड़ बच्चों का टीकाकरण करना है.
जेपी नड्डा ने कार्यक्रम की शुरुआत के बाद कहा कि विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत टीके को स्वदेश में विकसित किया है और यह एक महत्वपूर्ण सफलता है. उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा में टीके की शुरुआत की जाएगी और चरणबद्ध तरीके से देश के बाकी हिस्से में इसका विस्तार किया जाएगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने रोटावायरस टीका की शुरुआत करने के लिए भारत की सराहना करते हुए कहा कि देश के बच्चों के स्वास्थ्य और बेहतरी की दिशा में उठाया गया यह एक महत्वपूर्ण कदम है.