नयी दिल्ली : भारत और पाकिस्तान ने पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आतंकी हमले की जांच को लेकर आज औपचारिक बातचीत शुरू की. पड़ोसी देश से पहली बार संयुक्त जांच टीम (जेआइटी) आयी है जिसमें आइएसआइ का एक अधिकारी भी शामिल है. इस टीम के भारत आने पर विपक्ष ने तीखा विराेध किया है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाल ने कहा है कि पाकिस्तान अपने यहां के आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करता और हमारे पीएम वहां अपने नये दोस्त नवाज शरीफ के साथ दावत खाने जाते हैं, ऐसे में जांच टीम आने का क्या औचित्य है. वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रमुख व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है कि मोदी सरकार ने आइएसआइ को आमंत्रित कर पाकिस्तान के सामने सरेंडर कर दिया है. दिल्ली विधानसभा में आज आम आदमी पार्टी के विधायकों ने आइएसआइ गो बैक के नारे लगाये.
ISI को बुलाकर मोदी सरकार ने पाक के आगे घुटने टेके। मोदी सरकार ने शहीदों की शहादत की सौदेबाज़ी की है।भारत के लोग ये क़तई बर्दाश्त नहीं करेंगे
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 28, 2016
पाकिस्तान की पांच सदस्यीय जेआइटी का नेतृत्व पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) के प्रमुख मोहम्मद ताहिर राय कर रहे हैं. इसमें लाहौर के उपमहानिदेशक, खुफिया ब्यूरो, मोहम्मद अजीम अरशद, आइएसआइ अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल तनवीर अहमद, सैन्य खुफिया अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल इरफान मिर्जा और गुजरांवाला सीटीडी जांच अधिकारी शाहिद तनवीर शामिल हैं.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी मुख्यालय में टीम की अगवानी महानिरीक्षक संजीव कुमार सिंह ने की.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उन्हें अब तक भारतीय एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच और उन सबूतों पर विस्तृत प्रस्तुति दी जा रही है जो यह दर्शाते हैं कि हमले की योजना पाकिस्तान में बनी थी.
कल यहां पहुंची टीम जांच के सिलसिले में मंगलवार को पठानकोट जाएगी. दो जनवरी को इस हमले को पाकिस्तान आधारित जैश ए मोहम्मद आतंकी समूह ने अंजाम दिया था जिसमें सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे.
सूत्रों ने बताया कि दोपहर भोज के बाद के सत्र में पाकिस्तानी टीम अपने संदेहों, यदि कोई है, को दूर करने के लिए अपने सवाल उठाएगी.
पठानकोट वायुसेना स्टेशन में ऐसी व्यवस्था की जाएगी जिससे कि पाकिस्तान से आयी टीम के लोग रणनीतिकरूप से संवेदशील स्थानों को नहीं देख पाएं.
एनआइए उन्हें कुछ उन क्षेत्रों को ही दिखाएगी जहां आतंकवादियों के साथ सुरक्षाबलों की 80 घंटे तक मुठभेड़ चली थी.
भारत की योजना पाकिस्तानी टीम को मामले में सभी गवाहों तक पहुंच उपलब्ध कराने की है, लेकिन उन्हें एनएसजी या बीएसएफ के सुरक्षाकर्मियों तक पहुंच उपलब्ध नहीं करायी जाएगी.
गवाहों में पंजाब पुलिस के अधीक्षक सलविंदर सिंह, उनका स्वर्णकार मित्र राजेश वर्मा, रसोइया मदन गोपाल और 17 घायल लोग शामिल हैं.
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी टीम को सहयोग आदान-प्रदान के सिद्धांत पर आधारित है और उम्मीद व्यक्त की कि बाद की किसी तारीख में भारतीय टीम को भी पाकिस्तान के दौरे की अनुमति दी जाएगी.
मुंबई हमलों की जांच के सिलसिले में पाकिस्तान ने मामले के कुछ गवाहों से जिरह के लिए एक न्यायिक आयोग भेजा था.