पर्रिकर ने पाक जांच दल के उठते सवाल पर तोड़ी चुप्पी कहा, एनआईए करेगी फैसला
क्वेपम (गोवा) : पाकिस्तान के एक संयुक्त जांच दल के कल पठानकोट वायुसेना अड्डे का दौरा करने से संबंधित विवाद से हाथ खींचते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि ‘अपराध स्थल’ एनआईए के नियंत्रण में है और पाकिस्तानी टीम को इजाजत देने या नहीं देने का फैसला एनआईए को ही करना है. […]
क्वेपम (गोवा) : पाकिस्तान के एक संयुक्त जांच दल के कल पठानकोट वायुसेना अड्डे का दौरा करने से संबंधित विवाद से हाथ खींचते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज कहा कि ‘अपराध स्थल’ एनआईए के नियंत्रण में है और पाकिस्तानी टीम को इजाजत देने या नहीं देने का फैसला एनआईए को ही करना है. दूसरी तरफ खबर आ रही है कि एनआईए पाक जांच एजेसी को जो सबूत सौंपे हैं उसे उन्होंने इनकार नहीं किया.
वायुसेना अड्डे के भीतर पाकिस्तानी जांच दल को जाने की रक्षा मंत्रालय की ओर से कोई इजाजत नहीं दिए जाने का उल्लेख करते हुए पर्रिकर ने कहा कि ‘अपराध स्थल’ एक ‘गैर संवेदनशील’ इलाका है तथा इसकी घेराबंदी की गई है तथा पाकिस्तानी टीम की यात्रा में सुविधा के लिए किसी भी रक्षा संपत्ति का इस्तेमाल नहीं होगा.
यहां रक्षा प्रदर्शनी से इतर सवालों के जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘बहरहाल, जिस इलाके में अपराध हुआ था उसे काफी समय पहले एनआईए के सुपुर्द कर दिया गया था जो मामले की पूरी जांच कर रही है. वहां किसको ले जाया जाएगा, कौन जांच करेगा, यह सब एनआईए पर निर्भर करता है.” उन्होंने कहा, ‘‘हमने वायुसेना अड्डे में उनके कहीं भी जाने की इजाजत देने से स्पष्ट तौर पर इंकार किया था. ” रक्षा मंत्री ने कहा कि जहां तक रक्षा मंत्रालय की बात है तो उसने यह स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किया था कि ‘अपराध स्थल’ की घेराबंदी की जानी चाहिए और बाहरी प्रवेश एनआईए को दिया जाना चाहिए.
पर्रिकर ने कहा कि उन्होंने मीडिया में आई खबरों के बाद दिशानिर्देश जारी किए थे. इससे पहले पाकिस्तानी टीम के पठानकोट वायुसेना अड्डे के प्रस्तावित दौरे के खिलाफ सार्वजनिक रुप से बोल चुके रक्षा मंत्री ने कहा कि अपराध स्थल बहुत कम संवेदनशील है और यहां विदेशी कैडर के लिए छात्रावास तथा मेस को छोडकर कोई दूसरे काम नहीं होते.