उत्तराखंड का राजनीतिक ड्रामा : कांग्रेस-भाजपा फैसले को देगी चुनौती, बागियों के वोटों की नहीं होगी गिनती
देहरादून/नैनीताल/नयी दिल्ली : उत्तराखंड हाईकोर्ट से आज हरीश रावत के लिए सुकून भरी खबर आयी है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले मेंउत्तराखंड की हरीश रावत सरकार को विधानसभा में 31 मार्च को बहुमत साबित करने का अवसर दिया है. हरीश रावत सरकार के इस शक्तिपरीक्षण के दौरान नैनीताल हाईकोर्ट के रजिस्टार जेनरलआब्जर्वर के रूप में मौजूद […]
देहरादून/नैनीताल/नयी दिल्ली : उत्तराखंड हाईकोर्ट से आज हरीश रावत के लिए सुकून भरी खबर आयी है. हाईकोर्ट ने अपने फैसले मेंउत्तराखंड की हरीश रावत सरकार को विधानसभा में 31 मार्च को बहुमत साबित करने का अवसर दिया है. हरीश रावत सरकार के इस शक्तिपरीक्षण के दौरान नैनीताल हाईकोर्ट के रजिस्टार जेनरलआब्जर्वर के रूप में मौजूद रहेंगे.बहुमत दिन के 11 बजे साबित किया जायेगा.इस दौरान कांग्रेस के वे नौ बागी विधायक भी मौजूद रहेंगे, जिन्हें स्पीकर ने शनिवार देर रात सस्पेंड कर दिया था. उन्हें वोट करने का भी अधिकार दिया गया है.हालांकि नौ बागी विधायकों के वोटों की गिनती तुरंत नहीं होगी.ऐसा यह मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण किया जायेगा. बाकी विधायकों के वोट बंद लिफाफे में एकत्र किये जायेंगे.
सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड हाइकोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा हरीश रावत सरकार को बहुमत परीक्षण का मौका दिये जाने के फैसले को केंद्र सरकार डबल जज वाले बेंच के सामने चुनौती देगी. सूत्रों नेयहभी बताया कि कांग्रेस भी उत्तराखंड हाइकोर्ट की डबल बेंच के सामने सस्पेंड किये गये बागी विधायकों को वोट का अधिकार दिये जाने को भी चुनौती देगी. यानी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार व कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार इस मामले पर अभी और कानूनी लड़ाई को तैयार हैं.
उधर, मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अदालत के फ्लोर टेस्ट के आज के फैसले का स्वागत किया. रावत ने कहा कि हम अदालत के आदेश का सम्मान करते हैं और इससे संतुष्ट हैं. यह उन तत्वों के लिए एक सबक है जो असंवैधानिक ढंग से हमारी सरकार को हटाना चाहते हैं.
फैसले के बाद रावत सरकार के अधिवक्ता मनु सिंघवी ने बताया कि कोर्ट ने अतीत के उदाहरणों के आधार पर हमें विधानसभा में शक्तिपरीक्षण का अवसर दिया है.
The floor test was asked by us on the basis of past precedents of SC-Abhishek Manu Singhvi,Counsel for Harish Rawat pic.twitter.com/gDEOLkwHBl
— ANI (@ANI) March 29, 2016
इससे पहलेदिल्ली मेंआजसुप्रीम कोर्ट ने उस पीआईएल पर सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी है, जिसमें उत्तराखंड में लागू राष्ट्रपति शासन पर विचार की अपील की गयी थी. इसके साथ ही उत्तराखंड में विधायकों की हार्सट्रेनिंग की सीबीआई जांच की मांग पर भी सुनवाई होगी.
Modi Govt which wants to subjugate federalism,break democratic tradition given befitting ans in shape of judicial verdict-Randeep Surjewala
— ANI (@ANI) March 29, 2016
U'khand Speaker acted unconstitutionally.This is victory for us-Kunwar Pranav,Rebel Cong MLA on HC allows floor test pic.twitter.com/5cnEqrx8RI
— ANI (@ANI) March 29, 2016
Welcome step.Shows,imposing Pres's rule (U'khand) before floor test wasn't right acc to HC that's why it has given a chance-Indira Hridayesh
— ANI (@ANI) March 29, 2016