नयी दिल्ली : उद्योगपति विजय माल्या ने आज अपने वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह सितंबर तक चार हजार करोड़ रुपये कर्ज बैंकों को चुका देंगे. किंगफिशर के मालिक विजय माल्या पर 17 सरकारी बैंकों का 9000 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर्ज है. माल्या इस महीने की दो तारीख को वे डिप्लोमेटिक पासपोर्ट के आधार पर देश से बाहर निकल गये थे. विजय माल्या के वकील ने अदालत में उनका पक्ष रखते हुए कहा कि बैंकों के साथ उनके वित्तीय मामलों को सुलझाने की लिए बात चल रही है और मीडिया इसे अतिरिक्त तूल दे रहा है. विजय माल्या के प्रस्ताव पर बैंकों ने विचार करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा, जिस पर सुप्रीम कोर्ट राजी हो गया और एक सप्ताह में पक्ष रखने को कहा.
विजय माल्या ने विदेश से ही वीडियो कान्फ्रेंशिंग के माध्यम से अपने कर्ज के मामले को बैंकों के साथ सेटल करने की अनुमति भी चाही है. विजय माल्या के वकील ने अदालत को कहा कि मीडिया इस मामले को अतिरंजित कर पेश कर रहा है, जिससे दिक्कतें आ रही हैं. इस पर अदालत ने कहा कि मीडिया जनहित के मुद्दों को ही उठा रहा है. इस मामले में अब अगली सुनवाई शीर्ष अदालत में सात अप्रैल को होगी.
ध्यान रहे कि देश में माल्या का मामला बड़ा राजनीतिक मामला बन गया है. दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी कहा है कि कर्ज लेकर भागने वालों को देश का पैसा हर हाल में चुकाना होगा. वहीं, कांग्रेस सहित दूसरी विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर हैं. संसद के बजट सत्र में भी यह मामला काफी जोरशोर से विपक्ष ने उठाया था.