हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कुलपति को हटाने की मांग की

हैदराबाद : हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ ने दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद सुर्खियों में आये विश्वविद्यालय से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया और कुलपति अप्पा राव पोडिले को हटाये जाने की मांग की. हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष जुहेल के पी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 30, 2016 10:58 PM

हैदराबाद : हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ ने दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद सुर्खियों में आये विश्वविद्यालय से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया और कुलपति अप्पा राव पोडिले को हटाये जाने की मांग की.

हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष जुहेल के पी ने मुखर्जी को पत्र लिखकर उनका ध्यान परिसर में व्याप्त तनाव की ओर आकृष्ट किया है और राव की अगुवाई वाले विश्वविद्यालय प्रशासन पर जनवरी में रोहित की खुदकुशी के मामले से निपटने में खामियों का आरोप लगाया है.

उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘हम परिसर में व्याप्त तनाव के बारे में सूचित करना चाहेंगे. प्रो अप्पा राव पोडिले रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले में आरोपी हैं. मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नियुक्त दो सदस्यीय तथ्यान्वेषी समिति ने इस ओर इशारा किया था कि कुलपति अप्पा राव के नेतृत्व में विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले में सही से काम नहीं किया.” जुहैल ने कहा कि अप्पा राव पर अनसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम)अधिनियम के तहत और आत्महत्या के लिए उकसाने के सिलसिले में मामले दर्ज किये गये हैं.

उच्च न्यायालय ने उन्हें आज तक जमानत नहीं दी यी कोई अंतरिम राहत नहीं दी. मामले के तथ्यों का पता लगाने के लिए बनाया गया न्यायिक आयोग अब भी मामले की जांच कर रहा है. जुहैल ने कहा कि राव ने आयोग की रिपोर्ट का इंतजार करने के बजाय अपनी छुट्टियां निरस्त करके और 22 मार्च को फिर से पद संभालकर न्यायिक प्रक्रिया के प्रति पूरी तरह अवमानना दिखाई है.

उन्होंने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हम हैदराबाद विश्वविद्यालय के विजिटर होने के नाते आपसे अप्पा राव को कुलपति के पद से बर्खास्त करने और विश्वविद्यालय में शांति बहाल करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं.”

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