सेना में ब्रह्मोस मिसाइल की दो और रेजीमेंट शामिल होंगी : पर्रिकर
पुणे : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज यहां कहा कि कम दूरी की क्षमता वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की दो और रेजीमेंट अगले 15 दिन में सेना में शामिल की जाएंगी. पर्रिकर ने कहा, ‘‘ ( ब्रह्मोस मिसाइल) की दो और रेजीमेंट को भारतीय सेना में शामिल करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में […]
पुणे : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज यहां कहा कि कम दूरी की क्षमता वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की दो और रेजीमेंट अगले 15 दिन में सेना में शामिल की जाएंगी.
पर्रिकर ने कहा, ‘‘ ( ब्रह्मोस मिसाइल) की दो और रेजीमेंट को भारतीय सेना में शामिल करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और 15 दिन में इन रेजीमेंट को भारतीय सेना में शामिल कर लिया जाएगा.” रक्षा मंत्री यहां सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज में सभी तीनों सेनाओं के चिकित्सा स्नातकों के 50वें बैच के कमीशनिंग समारोह से इतर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. सेना के पास ब्रह्मोस मिसाइलों की ब्लॉक तीन वर्जन की तीन रेजीमेंट पहले से हैं. दो और रेजीमेंट के शामिल होने से वायु रक्षा क्षमताओं में इजाफा होगा.
इस बीच पर्रिकर ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि केंद्र सरकार सेना में स्वदेश में बने ‘आकाश’ को शामिल करने के बजाय इस्राइली मिसाइलों को खरीदने की इच्छुक है. उन्होंने कहा, ‘‘आकाश को सेना में शामिल किया जा रहा है और हम बहुत कम दूरी की क्षमता वाली मिसाइलें भी विकसित कर रहे हैं और इनके सफलतापूर्वक विकास करने तक कुछ मिसाइलें बाहर से लानी पड सकती हैं.” मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों में ‘नॉन-ऑपरेशनल फ्लैब’ को कम किये जाने की जरुरत है.
पठानकोट हमले की जांच के बारे में एक सवाल पर पर्रिकर ने कहा कि पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल (जेआईटी) को केवल अपराध स्थल तक जाने की इजाजत दी गयी वहीं वायु सेना के बेस को बैरिकेड किया गया था. रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मामले की जांच कर रही एनआईए ने जेआईटी को केवल इसलिए अनुमति दी क्योंकि उन्हें विश्वास है कि पाकिस्तान के कुछ लोग हमले में शामिल थे.”