नयी दिल्ली : भारत माता की जय के नारे पर दारुल उलूम के जारी किए गए फतवे की केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने निंदा की है. उन्होंने कहा कि यह फतवा शहीदों का अपमान करने जैसा है. आप जिस देश में रहते हैं उसके बारे में जयकार करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.
साध्वी ने कहा कि ‘भारत माता की जय’ का नारा न लगाना देश को बांटने की ओर इशारा करता है. हम पाकिस्तान में नहीं रह रहे हैं. आपको बता दें कि वंदेमातरम के बाद अब दारुल उलूम ने गुरुवार को भारत माता की जय के नारे को भी इस्लाम के खिलाफ बताया है और इसे मुस्लिमों को लगाने के लिए मना कर दिया.
संस्था के मुफ्ती-ए-कराम ने दिए अपने फतवे में कहा है कि हमें भारत से प्यार है लेकिन इस्लाम में सिर्फ एक ही भगवान है. मुस्लमान अल्लाह के सिवा किसी की भी परस्तिश यानी इबादत नहीं कर सकते हैं. इस नारे का मफहून (सारांश) पूजा से मालूम होता है इसलिए इसे शिर्क (निषेध) माना गया है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा स्कूलों में भारत माता की जय के नारे लगवाने को लेकर दारुल उलूम के मुफ्तियों के पास हजारों की तादाद में सवाल आए जिसमें उनसे पूछा गया कि क्या मुसलमान भारत माता की जय के नारे लगा सकता है? उन्होंने कहा कि अगर ‘भारत माता की जय’ को स्कूलों में मुस्लिम बच्चों को नारे लगाने के लिए लागू किया जा रहा है तो मुसलमानों को इस नारे से स्वयं को अलग कर लेना चाहिए.