जांच आयोग का गठन राज्यों का अपमान है :जेटली
नयी दिल्ली : भाजपा नेता अरुण जेटली ने आज कहा कि गुजरात में एक युवती की कथित जासूसी के मामले में केंद्र की ओर से जांच आयोग गठित किया जाना राजनीति से प्रेरित होने के साथ राज्यों का अपमान और संघीय ढांचे का उल्लंघन है. उन्होंने उम्मीद जताई कि देश के मुख्यमंत्री इसका विरोध करेंगे. […]
नयी दिल्ली : भाजपा नेता अरुण जेटली ने आज कहा कि गुजरात में एक युवती की कथित जासूसी के मामले में केंद्र की ओर से जांच आयोग गठित किया जाना राजनीति से प्रेरित होने के साथ राज्यों का अपमान और संघीय ढांचे का उल्लंघन है. उन्होंने उम्मीद जताई कि देश के मुख्यमंत्री इसका विरोध करेंगे.
जेटली ने फेसबुक से जारी अपने लेख में कहा, यह राजनीति से प्रेरित है. आयोग का गठन संविधान के संघीय ढांचे का उल्लंघन है. यह राज्यों का अपमान है. मुझे उम्मीद है कि राज्यों के मुख्यमंत्री इस कदम का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार द्वारा उक्त मामले की पड़ताल के लिए जांच आयोग गठित करने के बावजूद केंद्र की ओर से भी समानांतर आयोग बनाना कानूनी रुप से संदिग्ध है और अदालत में चुनौती देने लायक है.
भाजपा नेता ने कहा, केंद्र सरकार द्वारा यह बहाना बना कर कि यह मामला एक से अधिक राज्य का है, समानांतर आयोग गठित करने का कोई आधार नहीं है.उन्होंने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि इस फैसले को अदालतों में कानूनी तौर पर चुनौती दी जा सकती है.
यह निर्णय संविधान के संघीय ढांचे का भी उल्लंघन है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, हाल के विधानसभा चुनवों में बुरी तरह मात खाने पर भी कांग्रेस पार्टी ने सबक नहीं सीखा है. नरेंद्र मोदी से राजनीतिक रुप से निपटने की बजाय जांच एजेंसियों और अब जांच आयोग से निपटने की उसकी रणनीति बरकरार है.