जासूसी मामला : कांग्रेस ने भाजपा पर भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया

नयी दिल्ली: जासूसी मामले में केन्द्र की जांच को राजनीतिक बदला और संघीय व्यवस्था पर हमला बताने वाले भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस नेविपक्षी दल पर आरोप लगाया कि वह ‘ ‘ घालमेल कर’ ‘ रही है क्योंकि सत्ता के ‘ ‘ घटिया दुरुपयोग’ ‘ के मामले में नरेन्द्र मोदी लिप्त हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2013 12:11 AM

नयी दिल्ली: जासूसी मामले में केन्द्र की जांच को राजनीतिक बदला और संघीय व्यवस्था पर हमला बताने वाले भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस नेविपक्षी दल पर आरोप लगाया कि वह ‘ ‘ घालमेल कर’ ‘ रही है क्योंकि सत्ता के ‘ ‘ घटिया दुरुपयोग’ ‘ के मामले में नरेन्द्र मोदी लिप्त हैं.

पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि जांच का आदेश पहले ही दिया जाना चाहिए था. केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने तो यहां तक कह दिया कि यदि जांच पहले शुरु हुई होती तो ‘ मोदी जेल में होते.’ पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘ ‘ केंद्रीय अधिनियम के तहत केंद्र सरकार को स्वतंत्र अधिकार हैं और केंद्र सरकार ने कार्रवाई की. यह महज इसलिए संवैधानिक सिद्धांत नहीं बना देता कि मोदी अपने राज्य की सीमा के भीतर और बाहर अपने संवैधानिक और विधानिक अधिकारों की घटिया दुरुपयोग में लिप्त हैं.’ ‘

उन्होंने कहा, ‘ ‘ यह इस मुद्दे को संघीय मुद्दा नहीं बना देता है. महज इसलिए भ्रम की स्थिति पैदा करने की आवश्यकता नहीं है कि मोदी इसमें लिप्त हैं.’ ‘ मामले की केंद्रीय जांच कराने के आदेश को भाजपा द्वारा मुद्दा बनाए जाने पर हमला करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने अपने खिलाफ जांच नष्ट करने की कला पर महारत हासिल कर लिया है.

सिंघवी ने कहा, ‘ ‘ वह पहले स्वयं अपनी जांच गठित करना पसंद करते हैं, एक ऐसी जांच जिसमें राष्ट्र को यकीन नहीं हो सकता. वह इससे पहले गोधरा मामले में भी फटाफट जांच गठित करके ऐसा कर चुके हैं. उन्होंने यहां भी किसी को नियुक्ति करके ऐसा ही किया है.’ ‘

उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी गुजरात में एक युवती की जासूसी किए जाने के मामले की जांच के लिए आयोग गठित करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का आज स्वागत किया और उम्मीद जताई कि जांच आयोग जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंप देगा.

कांग्रेस नेता की यह राय थी कि यह और पहले होना चाहिए था. उन्होंने साथ ही गुजरात में नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा मामले की जांच के लिए गठित दो सदस्यीय जांच आयोग को भी खारिज किया. उन्होंने कहा, ‘ ‘ मैं केंद्र सरकार को बधाई देता हूं. यह और पहले होना चाहिए था क्योंकि इसमें भारतीय टेलीग्राफ कानून और सूचना प्रौद्योगिकी कानून का उल्लंघन हुआ है. इस मामले में जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.’ ‘ भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के कथित इशारे पर गुजरात में एक महिला की जासूसी किये जाने के मामले की पड़ताल के लिए केंद्र द्वारा आज जांच आयोग नियुक्त करने के फैसले के तुरंत बाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘ ‘ मैं आश्वस्त हूं कि जांच आयोग जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपेगा.’ ‘ यह पूछे जाने पर कि आखिर इस जांच आयोग की जरुरत क्यों पड़ी जबकि राज्य सरकार ने पहले ही एक जांच आयोग गठित किया है, कांग्रेस नेता ने कहा कि यह :राज्य सरकार द्वारा गठित जांच आयोग: उसी तरह है, जैसे कोई अभियुक्त जांच गठित करे.

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