नयी दिल्ली : केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने आज कहा कि पठानकोट हमले पर पाकिस्तान जेआईटी की रिपोर्ट के हवाले से जो खबर आ रही है, वह दुखी करने वाली है. ऐसे आरोप लगाना पाकिस्तान को शोभा नहीं देता. पाकिस्तान जेआईटी की रिपोर्ट के बाद पूछे गये सवाल पर नितिन गड़करी ने कहा, हम अपने खुद के सैनिकों को मार देंगे? पाक के इस तरह का आरोप उसे शोभा नहीं देते, दुख होता है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है. पाकिस्तान भारत में आतंकवादियों को भेजता है और निर्दोष लोगों की हत्या करवाता है, उसके बाद आधारहीन बयान देता है.
Will we kill our own military personnels? Such allegations made by Pak doesn't suit them and will only hurt them: NGadkari on Pak JIT report
— ANI (@ANI) April 6, 2016
इसी बीच श्रीराम मंदिर के सवाल पर गडकरी ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर तीन ही तरीकों से बन सकती है. पहला तरीका है कि न्यायालय का आदेश मिल जाये. दूसरा तरीका है कि आम सहमति से मंदिर निर्माण कराया जायेगा और तीसरा तरीका है संसद में नया कानून पास करना. उन्होंने कहा कि किसी भी कानून को सदन में पास करवाने के लिए दो तिहाई मत आवश्यक है जो अभी उच्च सदन में हमारे पास नहीं है.
There are 3 ways to build Ram Mandir,1 is by going to Court,other is through consensus & third by passing a law in Parliament: Nitin Gadkari
— ANI (@ANI) April 6, 2016
गौरतलब है कि पठानकोट हमले की जांच करने आई पाकिस्तानी जेआईटी (ज्वाइंट इन्वेस्टिगेशन टीम) की रिपोर्ट रविवार को लीक हो गयी. रिपोर्ट के हवाले से पाकिस्तानी मीडिया ने लिखा कि जेआईटी ने एयरबेस हमले को भारत का ड्रामा करार दिया है. खबरें आयी थीं कि जेआईटी का मानना है कि पठानकोट एयरबेस पर हमला भारतीय अथॉरिटीज के ही द्वारा करवाया गया था. यह भारत के द्वारा किया जा रहा ड्रामा है.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार जेआईटी के एक सदस्य ने ‘पाकिस्तान टुडे’ इस बाबत जानकारी दी कि पठानकोट अटैक दरअसल भारतीय अथॉरिटीज का एक प्रोपेगैंडा है जिसके बाद उसकी ओर से ऐसे कोई सबूत नहीं सौंपे जा सके जिससे यह साबित हो सके कि हमला पाकिस्तान ने करवाया था. 2 जनवरी को पठानकोट एयरबेस पर आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें भारत के सात जवान शहीद हुए थे. इस हमले के बाद भारतीय जवानों ने छह आतंकियों को मार गिराया था.
जिओ न्यूज ने जेआईटी के करीबी सूत्रों के हवाले से जानकारी दी थी कि पाकिस्तानी जांचकर्ताओं को सैन्य बेस में मुख्य द्वार के बजाए एक छोटे मार्ग से अंदर ले जाया गया और उनका दौरा सिर्फ 55 मिनट का था. पाकिस्तानी दल इतने वक्त में मात्र कुछ ही जगह का भ्रमण कर सके और इतने कम समय में जेआईटी साक्ष्य एकत्र करने में कामयाब नहीं हो सकी.